जानिए क्यों चर्चा में है Blue Tide, देश के इन समुद्री तटों पर दे रहा दिखाई

नई दिल्ली। देश के कुछ समुद्री तटों पर इन दिनों नीले ज्वार यानी Blue Tide की घटना देखने को मिल रही है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक ये घटना काफी दुर्लभ होती है। करीब चार वर्ष बाद ऐसी घटना देश में देखने को मिली है। फिलहाल ये महाराष्ट्र के कुछ समुद्री तटों पर देखी गई है।

इनमें प्रमुख रूप से जुहू, देवगढ़ और रत्नीगिरी के समुद्र तट शामिल हैं। इन समुद्री तटों पर नीले रंग की झिलमिलाती हुई छटा देखी गई है।

बीजेपी नेता ने पीएम मोदी के योगी रूप का साझा किया वीडियो, फैक्ट चेक में किसी ओर का निकला दुर्लभ वीडियो

ये है 'ब्लू टाइड'
जब फाइटो प्लैंक्टन यानी सूक्ष्म समुद्री वनस्पति ज्यादा अपने निश्चित आकार से ज्यादा बड़े हो जाते हैं, तो उनसे एक टॉक्सिक (एक तरह का द्रव्य ) निकलता है। इस द्रव्य से ही नीले रंग की झिलमिलाती छटा बनती है। इसे ही ब्लू टाइड कहते हैं।

ऐसा होता है असर
वैज्ञानिकों की मानें तो ब्लू टाइड दिखने में तो अच्छा होता है, लेकिन ये इंसानों के साथ-साथ मछलियों और शेलफिश जैसे समुद्री जीवों के लिए नुकसानदायक होता है।

विदेशों में इसे कुछ समुद्री तटों में देखा गया है। वहीं भारत की बात करें तो वर्ष 2016 में भी ब्लू टाइड देखा गया था।

आपको बता दें कि समुद्री वैज्ञानिकों के मुताबिक सूक्ष्म समुद्री वनस्पति को आम तौर पर डाइनोफ्लैगलेट्स के रूप में भी जाना जाता है। इनके प्रोटीन में रासायनिक प्रतिक्रियाओं के जरिए हल्के रंग का उत्पादन निकलता है। वहीं इससे नीली तरंगें निकलती हैं, जो एक कोशिकीय सूक्ष्म जीवों के लिए हानिकारक होती हैं।

सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक 2016 के नवंबर और दिसंबर के बाद पश्चिम तट में हुई ये ऐसी पहली घटना है। वैज्ञानिकों की मानें तो सूक्ष्म समुद्री वनस्पति लूसिफेरेज प्रोटीन निकालते हैं, जिसकी रासायनिक प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला के कारण समुद्र में इस तरह की नीली झिलमिलाती रोशनी दिखाई देने लगती है।

समुद्री वैज्ञानिकों की मानें तो इस घटना के लिए मुख्य कारकों में एक यूट्रोफिकेशन हो सकता है यानी समुद्र में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ये फाइटोप्लांकटन को बहुत प्रभावी बनाता है।

रेड टाइड भी है दुर्लभ
आपको बता दें कि सिर्फ ब्लू टाइड ही नहीं बल्कि रेड टाइड भी काफी दुर्लभ माने जाते हैं। ये रेड टाइड भी समुद्री तटों पर देखे जाते हैं। हालांकि लंबे समय से देश के समुद्री तटों पर ऐसे रेड टाइड नहीं देखे गए हैं।

तस्वीरों में देखें मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले के दौरान दहशत और शहादत का मंजर

दरअसल ब्लू टाइड की तरह ही रेड टाइड भी एक प्राकृतिक घटना है। रेड टाइड की अवस्था में सूक्ष्म वानस्पतिक जीव खुद से लाल तरह का लिक्विड छोड़ते हैं, जिससे लाल रंग की झिलमिलाती रोशनी बनती है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.