बिना पटाखों के कैसे मनाएं खुशियों भरी दिवाली
नई दिल्ली। वर्ष का सबसे शुभ और गतिविधियों से भरा त्योहार दिवाली आज है और देश भर में लोग इसे अलग-अलग तरीके से मना रहे हैं। हालांकि वर्षों से भारत में दिवाली को मनाने के सबसे आम तरीके में पटाखे फोड़ना शामिल रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पर्यावरणविद और डॉक्टर लोगों को आतिशबाजी ना करने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि ये प्रदूषण का कारण बनते हैं। पिछले कुछ हफ्तों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक लाल निशान पर होने के कारण, दिल्ली समेत कई राज्य सरकारों ने वायु गुणवत्ता को और बिगड़ने से रोकने के लिए पटाखे पर प्रतिबंध लागू किया है। वैसे भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस महामारी के बीच पटाखे ना फोड़ने में ही समझदारी है और ऐसे में बिना पटाखों के शानदार दिवाली कैसे मनाएं, चलिए जानते हैं इसके आसान तरीके।
1. बुनियाद से जुड़ें, दीये जलाएं
दीपावली यानी वो दिन जब भगवान श्री राम, लंका में रावण को मारकर अयोध्या में घर वापस पहुंचे थे, की याद में मनाई जाती है और मूल रूप से इसे दीया जलाकर मनाया गया था। त्योहार का मूल सार मिट्टी के दीपक जलाने में है।
बाजार में बहुत सारे फ्लोटिंग, मिट्टी, प्लास्टिक और अन्य प्रकार के दीये उपलब्ध हैं और दीया बनाने के लिए बहुत सारे यूट्यूब ट्यूटोरियल भी हैं जो अभी तक रोशनी का त्योहार मनाने का एक और तरीका है।
2. घर पर तैयार करें मिठाइयां
दिवाली पर उन सभी डेजर्ट (मिठाइयां) को तैयार करें जिन्हें आपने लॉकडाउन के दौरान तैयार करना सीखा था। दिवाली इसका उत्सव मनाने और मिठाइयों से जुड़ी हुई है, जिसमें आसान से बेसन लड्डू बनाने से लेकर मशक्कत करने वाली जलेबी भी बनाई जा सकती है।
जबकि मौसम पहले से ही थोड़ा ठंडा होने लगा है, तो गर्म गुलाब जामुन, हलवा, शाही टुकड़ा और अन्य पारंपरिक मिठाइयां केवल आपके खाना पकाने के कौशल को बढ़ाने के साथ उत्सव को बेहतर बनाएगी।
3. गुब्बारों फोड़कर करें शोर
अगर आप वास्तव में पटाखे फोड़कर शोर करना चाहते हैं, तो क्यों ना बिना प्रदूषण बढ़ाए ऐसा किया जाए? आप गुब्बारे में हवा भरकर पहले इससे घर को सजाएं और फिर पटाखे फोड़ने के लिए बारी-बारी से इन्हें फोड़ना शुरू कर दें, बस तेज आवाज के साथ बिना किसी प्रदूषण वाली दिवाली का शोर मिल जाएगा।
गौरतलब है कि हिंदू चंद्र कैलेंडर में सबसे पवित्र महीने कार्तिक के 15वें दिन दिवाली मनाई जाती है और माना जाता है कि इस दिन भगवान राम (भगवान विष्णु के सातवें अवतार) 14 साल के लंबे वनवास से वापस लौटे थे।
दुनिया भर में लोग अपने घरों को सजाने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और "अंधेरे पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत" के उपलक्ष्य में दिवाली का त्योहार मनाते हैं।
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