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अब गोरखनाथ मंदिर में चढ़ावे के फूलों से घर-घर में बिखेरेंगी सुंगध, योगी आदित्यनाथ ने शुरू की नई पहल

 

नई दिल्ली। कहते हैं हर चीज कीमती होती हैं। चाहे वो कूड़ा-कचरा ही क्यों ना हो। उपयोग हो तो वेस्ट को भी वेल्थ बनाया जा सकता है। कई बार ऐसी पहल लोगों के लिए रोजगार का जरिया भी बन जाती है। अब एक ऐसी ही पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शुरू की है। दरअसल, गोरखनाथ मंदिर (gorakhnath temple) में चढ़ावे के फूलों से अगरबत्ती (Incense sticks) बनाई जाएगी। इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ कई ऐसे नायाब प्रयोग कर चुके हैं।

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पहल एक संदेश अनेक
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब चढ़ावें के फूलों का उपयोग करवाकर पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छ भारत, मिशन शक्ति और मिशन रोजगार का एक साथ संदेश दिया है। गोरखनाथ मंदिर का शुमार उत्तर भारत के मंदिरों में होता है। वहां हर रोज लगभग 4 से 5 हजार श्रद्धालु आते हैं। शनिवार और मंगलवार को इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। मकर संक्रांति से लगने वाले एक महीने के मेले के दौरान तो यह संख्या लाखों में होती है। स्वाभाविक रूप से हर श्रद्धालु मंदिर में गुरुगोरक्षनाथ सहित अन्य देवी देवताओं को अपनी श्रद्धा के अनुसार फूल भी अर्पित करता है।

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मंदिर में चढ़े फूल बिखेरेंगे सुंगध
गुरु श्रीगोरक्षनाथ के अलावा उत्तर प्रदेश में हिंदू धर्म से जुड़े सभी देवी देवताओं के मंदिर में फूल चढ़ते हैं। कुछ मिलाकर मंदिर प्रशासन की रोज की अपनी खपत करीब 100 से 150 बड़ी मालाओं की है। बाकी आने वाले श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार फूल व माला लेकर आते हैं। अब चढ़ावे के बाद बेकार हो जाने वाले ये फूल अगरबत्ती के रूप में लोगों के घर-आंगन और उपासना स्थल पर अपनी सुंगध बिखेरेंगे।

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मंदिर की गोशाला में गोबर से बनता है वर्मी कम्पोस्ट
मसलन मन्दिर की गोशाला में देशी नस्ल के करीब 500 गोवंश हैं। इनके गोबर का उपयोग करने के लिए लगभग पांच साल से वर्मी कंपोस्ट की इकाई लगी है। इसी दौरान मन्दिर परिसर में जहां-जहां जलजमाव होता था वहां पर टैंक बनवाकर वह जलसंरक्षण का भी सन्देश दे चुके हैं।



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