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Birthday Special: जब Kamal Hassan पर फेंकी गई थी चप्पल, विवादों से रहा है खास नाता

नई दिल्ली। दक्षिण के सुपर स्टार और राजनेता कमल हासन ( Kamal Hassan Birthday ) का 7 नवंबर को जन्मदिन है। मक्कल निधि मय्यम पार्टी का गठन कर सिनेमा की दुनिया से राजनीति में आए कमल हासन 66 वर्ष के हो गए हैं। देशभर से उनके प्रशंसक उन्हें जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं।

फिल्मी करियर से लेकर राजनीति में कदम रखने तक कमल हासन ने कई उतार-चड़ाव देखे। उनके कई बयानों ने विवादों का रूप भी ले लिया। यही नहीं एक बार तो उन्हें अपने विवादित बयानों के चलते चप्पल तक खानी पड़ी। अभिनय की दुनिया के इस जादूगर का अब तक राजनीति में उतना करिश्मा नहीं दिखा है, लेकिन उनके विवादों से नाते जरूर सुर्खियां बंटोरी हैं। आईए कमल हासन के जन्मदिन पर जानते उनसे जुड़े विवादों पर एक नजर।

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भारत-चीन तनाव को लेकर बयान
कमल हासन ने वर्ष 2020 में भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव को बीच मोदी सरकार पर हमला किया और विवादित बयान दे डाला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से सवाल करना देश में राष्ट्र विरोधी की श्रेणी पहुंचा देता है, जो ठीक नहीं है। कमल हासन ने कहा है कि केंद्र सरकार लोगों के साथ भावनात्मक रूप से खिलवाड़ न करें। उन्होंने कहा कि हम तब तक सवाल करते रहेंगे जब तक हमें पता नहीं चल जाता कि गलवान घाटी में उस दिन क्या हुआ था।

कमल हासन के इस बयान के बाद वो सीधे तौर पर बीजेपी के निशाने पर आ गए थे। पार्टी के कई नेताओं ने कमल हासन पर तीखा हमला बोला था।

पुलवामा हमले पर बोले हासन
फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए केंद्रीय सुरक्षा बल के काफिले पर फिदायीन हमले में 40 जवानों की शहादत पर अभिनेता कमल हासन के बयान से विवाद खड़ा हो गया था।

हासन ने कश्मीर पर जनमत संग्रह की मांग की थी । उन्होंने कहा था कि आखिर देश के जवान कबतक इस तरह से शहीद होते रहेंगे । सरकार किससे डरती है? हमारे जवान क्यों मरे? दोनों देशों के नेता ठीक से व्यवहार करें तो किसी जवान के मरने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

हिंदू उग्रवाद पर कसा तंज
कमल हासन ने वर्ष 2017 में हिंदू उग्रवाद को लेकर भी तंज कसा। उनके इस तंज पर जमकर विवाद खड़ा हो गया। बीजेपी समेत कई हिंदू संगठनों के निशाने पर भी आए। दरअसल कमल हासन ने तमिल की मैगजीन में लिखा था कि पहले दक्षिणपंथी हिंदू हिंसा में शामिल हुए बिना बहस किया करते थे। जैसे ही उनकी ये चालबाजी काम नहीं आने लगी तो उन्होंने हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया।

यही नहीं हासन ने कहा था कि जब उनसे सवाल करते हैं तो वे हमें राष्ट्र विरोधी बताकर जेलों में डाल देते हैं। जेलों में जगह भर जाती है तो हमें गोली मार दी जाती है।

जीएसटी और नोटबंदी
कमल हासन की फिल्म मेरसल में जीएसटी का मुद्दा उठाया गया था। इस फिल्म के जरिए कमल हासन ने जीएसटी की कड़ी आलोचन की थी। यही वजह रही कि फिल्म को लेकर विवाद हो गया। कमल हासन ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है।

वहीं नोटबंदी को लेकर भी पहले तो कमल हासन ने इसका समर्थन किया, लेकिन बाद में हालातों को देखते हुए कहा कि ये निर्णय अच्छा, लेकिन इसे लागू गलत तरीके से किया गया। यही नहीं उन्होंने ये तक कह डाला कि इसके लिए पीएम मोदी को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। अगर वे ऐसे करेंगे तो मैं उन्हें नमन करूंगा।

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जब फेंकी गई चप्पल
वर्ष 2019 में चुनाव के वक्त मदुरै में प्रचार के दौरान कमल हासन पर एक शख्स ने चप्पल फेंकी थी। दरअसल ये चप्पल कमल हासन के उस बयान के बाद फेंकी गई थी, जिसमें उन्होंने नाथूराम घोड़से को पहला हिंदू आतंकवादी बताया था।

उनके इस बयान पर जमकर विवाद हुआ था। इस बयान के बाद कई हिंदू संगठनों ने उनकी कड़ी आलोचना की थी।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल
कमल हासन जलीकट्टू को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाए बैन पर भी सवाल उठा चुके हैं। हासन ने जलीकट्टू का समर्थन करते हुए कहा था यह तमिल परंपरा का मामला है। अगर एनिमल एक्टिविस्ट जलीकट्टू से इतने परेशान हैं तो उन्हें बिरयानी को भी बैन कर देना चाहिए।



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