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दीवाली पर चीनी प्रोडक्ट्स को टक्कर देने के लिए गाय के गोबर से बने 12 आइटम तैयार, जानें कैसे खरीद सकते हैं आप?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (coronavirus) संकट के बीच त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। इस दौरान महामारी और प्रदूषण ( Pollution ) को रोकने के लिए सरकार ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। साथ ही दिपावली पर चीनी सामान को टक्कर देने के लिए 'कामधेनु दीपावली अभियान' ( Kamdhenu Deepavali Abhiyan ) की शुरुआत भी हो चुकी है। इसके तहत गाय के गोबर से बने 12 आइटम तैयार किए गए हैं। इन प्रोडक्ट्स को आम पब्ल्कि तक पहुंचाने के लिए आपसी जनसंपर्क और लोकल बाजार की सहायता ली जा रही है।

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गाय के गोबर से बने 12 आइटम तैयार

जानकारी के मुताबिक, दीवाली पर प्रदूषण को रोकने और बाजार में चीनी प्रोडक्ट्स को टक्कर देने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने इसकी पहल की है। आयोग ने फिलहाल, गाय के गोबर से बने 12 फोडक्ट्स तैयार किए हैं। इन प्रोडक्ट्स को तैयार करने के लिए महिला समूहों को जोड़ा गया और उन्हें ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद अलग-अलग शहरों में मौजूद गोशालाओं से इन महिला समूहों को जोड़ा गया। फिर 12 आइटम को तैयार किया गया है। इन प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए आपसी जनसंपर्क पर जोर दिया गया गया। साथ ही स्थानीय बाजार में भी इसे बेचा जा रहा है। जिसे आप आसानी से खरीद सकते हैं। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का कहना है कि दीवाली को ध्यान में रखते हुए धूपबत्ती, शुभ-लाभ, स्वस्तिक, अगरबत्ती, मोमबत्ती, समरणी, वॉल-पीस, हवन सामग्री, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, पेपर-वेट, हार्डबोर्ड तैयार किए गए हैं। कहा यह भी जा रहा है कि इस अभियान के तहत पंचगव्य उत्पादों को भी देश में बढ़ावा मिलेगा।

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चीनी प्रोडक्ट्स को दिया जाएगा टक्कर

आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि डिमांड के हिसाब से जितना सामान बन उतना ही अच्छा है। लेकिन, हमारा लक्ष्य है कि इस दीवाली 11 करोड़ परिवार के पास 33 करोड़ गाय के गोबर से बने दीये को पहुंचाया जाए। इनमें फिलहाल तीन लाख दीयों का ऑर्डर अयोध्या से मिल चुका है। जबकि, एक लाख दीये का ऑर्डर वाराणसी से मिला है। आयोग का कहना है कि हमारा मकसद है कि चीन के दीये को खत्म कर स्वदेशी दीये की बिक्री बढ़े और लोगों के लिए रोजगार के रास्ते खुले। इस अभियान के तहत बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, गौशालाओं, गोपालकों, स्वंय सहायता समहूों, डेयरी किसानों को फिलहाल जोड़ा गया है। इसके अलावा अन्य लोगों को भी इस अभियान से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।



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