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vastu shastra : कछुआ है धन-दौलत और शोहरत का प्रतीक, ऐसे बदल देता है आपकी किस्मत

जीवन की गुणवत्ता में सुधार के तहत प्राचीन कई पुस्तकों में अनेक बातों का वर्णन किया गया है। वहीं इन्हीं में से एक है वास्तु शास्त्र, जो न केवल जीवन से नकारात्मकता हटाने का काम करता है, बल्कि आपके जीवन में धनात्मकता कैसे बढ़े यानि पॉजीटीविटी में कैसे इजाफा हो इस संबंध में भी आसान उपाय बताता है।

सनातन धर्म में जहां भगवान विष्णु के कच्छप अवतार को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। वहीं कच्छप यानि कछुए की कई प्रतिमाओं का उपयोग पूराने समय से आज तक हमारे यहां शुभता के लिए किया जाता है। इसी के तहत कछुए का प्रयोग प्राचीन समय से ही वास्तु उपाय के रूप में किया जाता रहा है। प्राचीनतम मंदिरों में हमें असीम शांति अनुभव होती है, माना जाता है कि उसका मुख्य कारण मंदिर के मध्य में कछुए की स्थापना है।

यह तक माना जाता है कि इसको जहां भी रखा जाता है, वहां सुख-समृद्धि-शांति आती है। वहीं आजकल बहुत से लोग इसी आशा से घर में कछुए की प्रतिमा भी रखते हैं।

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वास्तु की जानकार रचना मिश्रा का कहना है कि वास्तु के अनुसार, कछुआ लंबी उम्र देने के साथ ही घर या कार्य स्थल पर सही जगह पर रखे जाने पर आपको धन-दौलत और शोहरत भी दिलवाता है। फेंगशुई और वास्तु के अनुसार धातु, मिट्टी, लकड़ी और स्फटिक के बने कछुए वास्तु में बहुत अच्छे माने जाते हैं।

जानें कौन सा कछुआ है आपके लिए परफेक्ट...

1. पीठ पर बच्चे वाला कछुआ
कछुए को घर में 'गुड लक' के लिए रखा जाता है। लेकिन एक खास प्रकार की मादा कछुआ, जिसकी पीठ पर बच्चे कछुए भी हों, यह प्रजनन का प्रतीक होता है। जिस घर में संतान ना हो या जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हो, उन्हें इस प्रकार का कछुआ अपने घर में रखना लाभकारी परिणाम दे सकता है।

2. स्फटिक का कछुआ
माना जाता है कि ऐसा कछुआ व्यर्थ की भागदौड़ व अनावश्यक प्रयासों से बचाते हुए यह जीवन की सार्थकता के साथ-साथ सुरक्षा भी देता है। कछुआ एक प्रभावशाली यंत्र है, जिससे वास्तु दोष का निवारण होता है और खुशहाली आती है। वास्तु और फेंगशुई में स्फटिक निर्मित कछुआ घर में रखना ज्यादा असरकारी माना जाता है। इसे घर में रखने से कामयाबी के साथ-साथ धन-दौलत का भी समावेश होता है।

अगर आप काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और कई उपाय करने के बाद भी आपको कोई विकल्प नहीं मिल रहा है तो आप घर में स्फटिक से बना हुआ कछुआ रख सकते है। इसे घर की उत्तर दिशा में रखें और मुंह अंदर की तरफ रहे। यदि आप व्यवसायी हैं, तो अपने प्रतिष्ठान की उत्तर दिशा में स्फटिक का कछुआ रखें, ऐसा करने से व्यापार में धन लाभ और सफलता मिलती है रुके हुए काम जल्दी होने लगते हैं।

3. मिट्टी से बना कछुआ
घर में मिट्टी के बने कछुए को उत्तर-पूर्व दिशा, मध्य या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। ऐसा करने से यह सर्वोत्तम परिणाम देता है। ऐसा कछुआ घर में रखने से जीवन में ऊर्जा का प्रवाह एक समान होने से स्थिरता बनी रहती है और जीवन में उतार-चढ़ाव कम आते हैं। इसे घर में रखने से जीवन में शांति, सद्भाव, दीर्घायु और पैसा आता है।

4. धातु का कछुआ
वहीं पीतल, चांदी, तांबा या अष्ट धातु से बना हुआ कछुआ यानि धातु का कछुआ घर या व्यवसायिक स्थल पर लगाना शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है व वास्तुदोष भी दूर होता है। घर में धातु का कछुआ रखने से, कई समस्याओं के समाधान में मदद मिलती है।

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माना जाता है कि घर के मुख्यद्वार पर कछुए का चित्र लगाने से परिवार में शांति बनी रहती है। यह क्लेश व नकारात्मक चीजों को घर से दूर करता है। अक्सर घर का कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और दवा आदि लेने पर भी सेहस में सुधार नहीं होता, तो घर की दक्षिण-पूर्व दिशा में कछुए का चित्र लगाएं। इससे घर में बीमारियां नहीं आती व घर पर बुरी नजर का असर नहीं होता। कछुआ नजर दोष भी खत्म करता है।


वहीं यदि कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अगर आपको कैरियर में सफलता नहीं मिल रही हैं तो आपको अपने घर की उत्तर दिशा में धातु से बना हुआ कछुआ रखना चाहिए। इस दिशा में धातु का कछुआ रखने से घर का वातावरण सकारात्मक रहता है, परिवार के सदस्यों का मूड भी अच्छा रहता है।

कछुए की अंगुठी : Rules to wear KACHUA RING
वहीं इसके अलावा आजकल ज्यादातर लोग कछुए के शेप की अंगूठी पहनते हैं। इसको पहनने से धन का मार्ग खुलता है। साथ ही वास्तु शास्त्र में भी इसको शुभ बताया गया है। कछुए के फायदे शास्त्रों में भी बताए गए हैं, लेकिन बहुत से लोग बिना जानकारी के कछुए की अंगूठी को धारण कर लेते हैं, जिससे यह अपना शुभ प्रभाव नहीं दे पाती है। ऐसे में आज हम आपको अंगूठी से जुड़े फायदे, नियम और सभी के बारे में बता रहे हैं। माना जाता है कि इन नियमों के पालन करने से जीवन में कई तरह के सुखद बदलाव देखने को मिलते हैं। आइए जानते हैं…

इस दिन खरीदें...
कछुए की अंगूठी को हमेशा शुक्रवार को खरीदना ज्यादा शुभ माना गया है। वहीं इसी दिन यानि शुक्रवार को इसे धारण किया जाना चाहिए। इससे पहले कछुए वाली अंगूठी को आप अपने हिसाब से डिजायन भी करा सकते हैं। यदि आप चाहें तो इसमें चांदी, सोने में जडे नग द्वारा भी बनवा सकते हैं।

ऐसे पहनें कछुए वाली अंगूठी...
कछुए की अंगूठी पहनने से पहले अंगूठी को कच्चे दूध में कुछ देर डूबो कर रखें, फिर गंगाजल से उसे साफ करके माता लक्ष्मी की सामने रख दें। अब गाय के घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने का बाद अंगूठी को धारण करना चाहिए। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा आप बना रहता है।

अंगूठी पहनते समय इस बात का खास ध्यान रखें...
सबसे पहले तो कछुए की अंगूठी को पहनते समय आपको इसके सिर को लेकर ध्यान देना है। कछुए के सिर वाला भाग पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। इस से असीम कृपा मिलती है। इस तरह से अंगूठी पहनने से ये पैसे को अपनी तरफ आकर्षित करता है। कछुए की अंगूठी को पहनते समय ध्यान रखें कि उसका चेहरा आपकी तरफ होना चाहिए। इससे धन आपकी तरफ आकर्षित होता है। अगर बाहर की तरफ मुख होगा तो धन आने के बजाय चला जाएगा।

किस उंगली में पहनें...
इसके अलावा ये भी जानना जरूरी है कि कछुए की अंगूठी को किस उंगली में पहनना चाहिए। हम आपको बता दें कि कछुए की अंगूठी को सीधे हाथ की बीच वाली उंगली यानि मध्यमा या फिर अंगूठे के पास वाली उंगली यानि तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए। इन्ही दो उंगलियों में अंगूठी को पहनने से आपको लाभ होगा।

इस समय उतार सकते हैं ये अंगुठी
अगर आपको किसी कार्य की वजह से जैसे- नहाने के दौरान, काम करते समय या फिर आटा गूंथते हुए अंगूठी को उतारना पड़े तो उतारकर पूजा घर में रख दें फिर उसको माता लक्ष्मी के चरणों से छुआकर अंगूठी को धारण कर लें। ऐसा करने से अंगूठी पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।



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