Header Ads

Myanmar के दो सैनिकों ने कबूली रोहिंग्याओं के कत्लेआम की बात, वीडियो में बताया नरसंहार की पूरी कहानी

नई दिल्ली: म्यांमार (Myanmar) के दो सैनिकों ने साल 2017 में म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) के कत्लेआम की की बात स्वीकार की है। सेना छोड़ने वाले दो सैनिकों ने एक वीडियो में नरसंहार की खौफनाक कहानी सुनाई है। वीडियो में सैनिक ने बता रहे हैं कि अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद उन्होंने न सिर्फ 30 रोहिंग्या मुसलमानों को मारा बल्कि उन्हें सेल टावर और मिलिट्री बेस के पास दफनाया भी।

इस बात बात का खुलासा करने वाले सैनिक ज़ॉ निंग ने बताया कि उन्हें आदेश दिया गया था, ‘जो भी तुम्हें दिखाई दे, उसे मार दो, चाहे वो बच्चा हो या बड़ा’।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के दो सैनिकों ने रोहिंग्या मुसलमानों को फांसी देने, सामूहिक तौर पर दफनाने, गांवों को तबाह करने और बलात्कार की बात स्वीकार की है.

रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2017 के बाद से 700,000 से अधिक रोहिंग्या म्यांमार से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश चले रखाइन प्रांत में रोहिंग्या विद्रोहियों के खिलाफ म्यांमार की सेना के अभियान से बचने के लिए अगस्त 2017 के बाद से 700,000 से अधिक रोहिंग्या म्यांमार से भागकर पड़ोसी देश बांग्लादेश चले गए हैं। उनके जानें की वजह सुरक्षा बलों ने सामूहिक बलात्कार और हत्याएं कीं और हजारों घर जलाना था। लेकिन म्यांमार की सरकार ने इन आरोपों से हमेशा इनकार करती रही है।

लेकिन अब म्यांमार से भागने वाले दोनों सैनिकों ने म्यांमार सरकार की पोल खोल दी है। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई शुरू कर दी है।

न्यायालय को दिए अपने वीडियो गवाही में सैनिक मायो विन टुन ने कहा कहा कि अगस्त 2017 में 15वें सैन्य ऑपरेशन सेंटर के उसके कमांडिंग अधिकारी कर्नल थान टाइक का साफ आदेश था जिसमें उन्होंने कहा था, ‘जिन्हें भी देखो और सुनो गोली मार दो’। जिसके बाद हमने 30 रोहिंग्या मुस्लिमों को मारकर एक मोबाइल टावर और एक सैन्य कैंप के पास दफना दिया था। इसमें आठ महिलाएं, सात बच्चे और 15 पुरुष शामिल थे।

वहीं दूसरे सैनिक ज़ॉ नैंग ने बताया कि हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने रोहिंग्या लोगों को भगाने का आदेश दिया था। लेकिन जो नहीं जाता वो उसका रेप कर देते थे। जब सीनियर अधिकारी महिलाओं का बलात्कार कर रहे थे, उस दौरान हमें आप पास की निगरानी रखने को कहा जाता था।

जॉ नैंग ने आगे बताया, ‘हमने करीब 20 गांवों को तबाह कर दिया। इस हत्या का आदेश उनके बटालियन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल मायो मिंट आंग ने दिया था।

बता दें सैनिकों ने अपनी गवाही में जिन सामूहिक कब्रों के ठिकानों की पुष्टि की है, उनकी कई ग्रामीणों ने स्वतंत्र रूप से पुष्टि की है। इन सबूतों को आईसीसी अपनी जांच और कानूनी कार्यवाही के दौरान जब्त करेगा।

 


from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.