Header Ads

International Day of Peace: आज दुनियाभर में मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस, ऐसे हुई थी शुरुआत

नई दिल्ली। 21 सितंबर को हर साल (21 September) यानि आज ही के दिन को विश्व शांति दिवस (International Peace Day) रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों और नागरिकों के बीच शांति व्यवस्था को कायम करना है। इसके लिए प्रयास हो रहे हैं। इस दिवस के जरिए दुनिया भर के देशों और नागरिकों के बीच शांति के संदेशों का प्रसार किया जाता है। सफेद कबूतर को शांति का दूत माना जाता है। इसलिए विश्व शांति दिवस के मौके पर सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का संदेश दिया जाता है।

शांति के लिए मनाया जाता है यह दिवस

दुनिया के सभी देशों और लोगों के बीच शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 1981 में विश्व शांति दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद पहली बार 1982 में विश्व शांति दिवस मनाया गया। 1982 से लेकर 2001 तक सितंबर माह के तीसरे मंगलवार को विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। मगर 2002 से यह 21 सितंबर को इसे मनाने का फैसला लिया।

भारत हमेशा से शांतिप्रिय देश रहा है। हमारे पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने विश्व में शांति व्यवस्था बनाने को लेकर पांच मूलमंत्रों को सामने रखा है। ये 'पंचशील के सिद्धांत'के तौर पर जाना जाता है। इसके मुताबिक विश्व में शांति की स्थापना को लेकर प्रादेशिक अखंडता और सम्मान जरूरी बताया गया है।

खास घंटी बजाकर शांति दिवस की शुरुआत

इंटरनेशनल पीस डे यानी विश्व शांति दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (न्यूयॉर्क) में घंटी बजाकर की जाती है। इस पर लिखा है कि विश्व में शांति हमेशा बनी रहे। इस तरह की घंटी को लगभग सभी महाद्वीपों के बच्चों के दान किए गए सिक्कों से तैयार की गई है। खास बात है कि इसे जापान के यूनाइटेड नेशनल एसोसिएशन ने तोहफे के रूप में दिया था।

सफेद कबूतर देता है शांति का संदेश

इंटरनेशनल पीस डे के दिन दुनिया के हर देश में सफेद कबूतरों को उड़ाकर शांति का संदेश दिया जाता है। ये कबूतर शांति के प्रतीक होते हैं,जो 'पंचशील' के सिद्धांतों पर चलते हैं। सफेद कबूतर उड़ाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है। कबूतर एक शांतिप्रिय पक्षी है। इसके स्वभाव के कारण इसे शांति और सदभाव का प्रतीक बताया जाता है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.