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ग्रह व नक्षत्र : जानें आपके व्यक्तिगत रिश्तों पर इनका असर

किसी भी तरह की तकलीफ यानि परेशानी होने पर हम अपने भाग्य को दोष देना शुरु कर देते हैं। वहीं इसके बाद जब हम किसी ज्योतिष के जानकार के पास जाते हैं। तो वह हमें ग्रहों की चाल का वाास्ता देते हुए आ रही परेशानियों का न केवल कारण बताते हैं, बल्कि अधिकांश उसके निवारण का उपाय भी बता देते हैं। दरअसल ज्योतिष में माना जाता है कि आकाश में घूम रहे ग्रहों की दशा व दिशा का हमारे जीवन में भारी प्रभाव पड़ता है। इसमें भी सबसे खास बात ये है कि केवल परेशानियों तक ही नहीं बल्कि हमारे जीवन की हर स्थिति का ग्रहों से खास नाता माना जाता है।

इसके तहत चाहे आपके जीवन में खुशी का पल हो या दुख का, आपके परिवार का संबंध हो या रिश्तों व दोस्तों का हर जगह ग्रहों की गति का असर होता है। कुल मिलाकर ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों और नक्षत्रों का संबंध सीधे हमारे जीवन से जुड़ा हुआ होता है। हमारे व्यक्तिगत जीवन में ये ग्रह विभिन्न पहलुओं से जुड़े होते हैं, इन ग्रहों का संबंध परस्पर हमारे रिश्तों के साथ जुड़ा रहता है।

माना जाता है कि हमारे व्यक्तिगत रिश्तों पर ग्रहों का सीधा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ गृह होते हैं और इन नौ ग्रहों का असर हमारे हर किसी रिश्ते पर पड़ता ही है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ग्रहों का हमारे रिश्तों से क्या संबंध है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पुत्र और पिता के साथ रिश्तों में सूर्य ग्रह जुड़ा हुआ माना गया है। यदि कोई व्यक्ति अपने पिता से दूरी बना कर रहता है या पिता का अनादर करता है तो इसका मतलब वह अपने सूर्य को कमजोर करता है।

: आपके जीवन में सूर्य गृह का कमजोर होना मतलब इससे कई तरह की परेशानियां आपको घेर सकती हैं। इस गृह के कमजोर होने का मतलब है कि आप आर्थिक संकट, बीमारी, मानसिक तनाव आदि से परेशान रहेंगे।

: सूर्य गृह को ठीक करने या कहें कि खुश करने के सारे उपाय तब तक बेकार हैं जब तक आपके रिश्ते पिता के साथ अच्छे नहीं बन जाते हैं।

: पिता के बाद अब बात करते हैं मां के साथ व्यक्तिगत संबंध के बारे में। यदि आपके रिश्ते अपनी मां से खराब है तो इसका मतलब है कि आपका चंद्रमा कमजोर है। या इसे दूसरी भाषा में कहें तो मां के साथ रिश्ते खराब होने का चंद्रमा पर खराब असर पड़ता है।

—:ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप अपनी मां को अपमानित करते हैं, या कोई अपशब्द कहते हैं तो आपका चंद्रमा नाराज होगा जिसके नाराज होने से आपको कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

—:चंद्रमा के नाराज होने से आपको कई प्रकार की बीमारियां लग सकती हैं, आपकी तरक्की भी रुक सकती साथ ही आप आर्थिक तंगी से जूझ सकते हैं।

:—: इसके बाद अब नंबर आता है ससुराल से आपके संबंध, चाचा-चाची, ताऊ और दूसरे संबंधियों के साथ आपके संबंध कैसे बिगड़ते हैं।

:—: यदि आपके रिश्ते इन लोगों से भी बिगड़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपका मंगल ग्रह दिक्कत में हैं। मंगल गृह के कमजोर पड़ने से ही छोटे भाई बहन के साथ आपके रिश्तों में खटास आती है।

:—: इसके अलावा भाई-बहन, मामा-मामी और आपके विरोधियों से आपके रिश्ते बुध ग्रह के कारण ही बनते और बिगड़ते हैं।

—:— ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु और शुक्र के कारण आपके रिश्ते जीवनसाथी और दोस्तों के बनते और बिगड़ते हैं।
—:— शनि ग्रह के कारण सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं।

—:— राहु गृह का आपने नाम तो सुना ही होगा। अक्सर यह गृह किसी न किसी कारण चर्चा में बना रहता है। आपको बता दें कि राहू दादा से रिश्तों के लिए जिम्मेदार है और केतु नाना से आपके रिश्ते के बनाने और बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार है। राहु गृह का संबंध आपके दादा के साथ ही आपकी ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंध बनाता और बिगाड़ता है।

कुल मिलाकर यदि आपके रिश्ते सही रहते हैं, आपके रिश्तों में प्रेम, सम्मान का भाव है तो आपके जीवन और रिश्तों पर ग्रहों का सकारात्मक असर पड़ेगा।



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