दुनिया के पहले हाइड्रोजन ईंधन वाले यात्री विमान ने उड़ान भरी, वायु प्रदूषण को कम करने में कारगर
लंदन। हाइड्रोजन ईंधन से उड़ने वाले दुनिया के पहले यात्री विमान ने सोमवार को ब्रिटेन से सफल उड़ान भरी है। इस विमान को विमानन उद्योग के लिए बड़ी क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार इससे न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि जीवाश्म ईंधन का विकल्प मिल सकेगा। इस विमान को ब्रिटिश एयरोस्पेस स्टार्टअप कंपनी ZeroAvia ने डिजाइन किया है।
क्रैनफील्ड हवाई अड्डे से उड़ान भरी
छह सीट वाले Piper M-ass यात्री विमान ने लंदन के उत्तरी क्षेत्र में लगभग 50 मील की दूरी तय करने के लिए क्रैनफील्ड हवाई अड्डे से उड़ान भरी। यहां पर कंपनी की रिसर्च एंड डेवलेपमेंट साइट है। यह पहला मौका था कि जब किसी विमान ने हाइड्रोजन ईंधन की मदद से टेक ऑफ करने के साथ शानदार लैंडिंग भी की।
एक यात्री विमान की पहली उड़ान है
कंपनी के अनुसार हाइड्रोजन ईंधन से उड़ने वाले विमान का यह पहला उदाहरण है। ZeroAvia कंपनी के सीईओ वैल मिफ्तखोव का कहना है कि पहले भी कुछ इस तरह के प्रयोग किए गए थे। इसमें विमानों ने हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग कर अपनी उड़ान को पूरा किया है। व्यवसायिक रूप से एक यात्री विमान की पहली उड़ान है।
ब्रिटिश सरकार भी शामिल
कंपनी ZeroAvia की पहली हाइड्रोजन फ्लाइट HyFlyer प्रोजक्ट का एक अंग है। इस योजना में कई कंपनियां शामिल हैं। इसे ब्रिटिश सरकार का भी समर्थन प्राप्त है। मध्यम-श्रेणी के छोटे यात्री विमानों को बनाने के उद्देश्य इसे डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि इसी साल जून में इस विमान ने बैटरी पॉवर्ड टेस्ट फ्लाइट को पूरा किया था।
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न्यूयॉर्क से बोस्टन का सफर तय करेगा
कंपनी का कहना है कि उसका अगला लक्ष्य 2021 के अंत तक इस विमान के उड़ान की रेंज को बढ़ाना है। ये रेंज 250 मील तक करनी है। इससे यह विमान प्रमुख शहरों जैसे न्यूयॉर्क से बोस्टन और लॉस एंजिल्स से सैन फ्रांसिस्को के बीच अपना सफर तय कर सकेगा। इससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिल सकेगी।
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