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देश की इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर, पिछले साल के मुकाबले करीब 4 गुना कम हुआ व्यापार घाटा

नई दिल्ली। कोरोना काल में देश की इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर आई है। इस साल बीते पांच महीनों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले देश का व्यापार घाटा ( Trade Deficit ) करीब 4 गुना कम हुआ है। जोकि देश के लिए अच्छी खबर है। व्यापार घाटा जितना कम होगा देश पर आर्थिक बोझ उतना कम होगा। व्यापार घाटा कम होने की सबसे बड़ी वजह से निर्यात के मुकाबले आयात ज्यादा कम होना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में अगस्त निर्यात भले ही कम हुआ हो, लेकिन आयात का रेश्यो भी काफी कम देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह के आंकड़े पेश किए गए हैं।

करीब 4 गुना कम हुआ व्यापार घाटा
मौजूदा वित्त वर्ष में निर्यात के मुकाबले देश के आयात में ज्यादा गिरावट आई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार व्यापार संतुलन की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से अगस्त के दौरान व्यापारिक वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर कुल व्यापार आधिक्य का आकलन 12.20 अरब डॉलर किया गया है, जबकि पिछले साल 2019-20 की इसी अवधि के दौरान भारत का व्यापार घाटा 45.11 अरब डॉलर था।

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अगस्त में भारत का आयात और निर्यात
अगस्त में भारत का निर्यात 12.66 फीसदी घटा है जबकि आयात में 26.04 फीसदी की गिरावट रही। भारत ने बीते महीने अगस्त में 22.70 अरब डॉलर मूल्य के व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात किया जबकि एक साल पहले इसी महीने में देश से 25.99 अबर डॉलर मूल्य के व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात हुआ था। इस प्रकार, व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले 12.66 फीसदी की गिरावट आई। वहीं, भारत ने इस साल अगस्त में 29.47 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया जबकि पिछले साल इसी महीने में देश का आयात 39.85 अरब डॉलर था। इस प्रकार आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले बीते महीने 26.04 फीसदी की गिरावट आई।

इस साल 53 फीसदी कम हुआ तेल का आयात
तेल आयात का मूल्य अगस्त महीने में 6.42 अरब डॉलर था जोकि पिछले साल के इसी महीने के 11 अरब डॉलर के मुकाबले 41.62 फीसदी कम है। भारत ने अप्रैल से अगस्त के दौरान 26.03 अरब डॉलर मूल्य का तेल आयात किया जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 53.61 फीसदी कम है। आपको बता दें कि भारत के इंपोर्ट बिल में सबसे ज्यादा भारत कच्चे तेल का होता है। कच्चे तेल का आयात जितना ज्यादा होता है, भारत के इंपोर्ट बिल में उतना ही इजाफा होता है। जिसका असर व्यापार घाटे में भी देखने को मिलता है।

इनके आयात में भी आई गिरावट
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने अगस्त में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले मशीनरी, इलेक्ट्रिकल और गैर-इलेक्ट्रिकल उत्पादों के आयात में 41.58 फीसदी जबकि कोयला, कोक और ब्रिकेट आदि के आयात में 37.83 फीसदी, कार्बनिक व अकार्बनिक रसायनों के आयात में 18.36 फीसदी और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स के आयात में 11.67 फीसदी की गिरावट आई।



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