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अमरीका का खौफ: पतन की राह पर ईरानी मुद्रा, 2,72,500 रियाल के बदले मिल रहा एक डॉलर

तेहरान।

ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है। शायद इसी का असर है कि ईरान की मुद्रा रियाल (Iran Currency Riyal) इन दिनों काफी निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह तब हो रहा है, जब ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी (Iran President Hassan Rouhani) ने अमरीका के संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को एक बार फिर बहाल करने की मांग को खारिज कर दिया है। बता दें कि अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इससे पश्चिम एशिया में खलबली मची हुई है।

30 प्रतिशत की गिरावट
ईरानी मुद्रा रियाल फिलहाल पतन की राह पर है। इन दिनों ईरान में एक डॉलर की कीमत 2 लाख 72 हजार 500 रियाल हो गई है। ईरान में गत जून से अब तक डॉलर के मुकाबले रियाल की कीमत में करीब 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। यह ईरान पर अमरीकी प्रतिबंधों का असर है कि तेहरान अपना तेल वैश्विक बाजार में नहीं बेच पा रहा है। हालांकि, रियाल पहली बार नहीं गिर रहा है। इससे पहले, वर्ष 2015 में ईरानी मुद्रा रियाल डॉलर के मुकाबले गिरकर 32 हजार तक पहुंच गई थी।

ईरान बना सकता है परमाणु हथियार
एक अमरीकी अधिकारी ने दावा किया है कि ईरान इस साल के अंत तक परमाणु हथियार बना सकता है। ईरान से आ रहे इस खतरे को देखते हुए अमरीका तेहरान के खिलाफ नए आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है। दावा किया जा रहा है कि अमरीका सोमवार को ईरान से जुड़े करीब दो दर्जन लोगों और संगठनों पर प्रतिबंध लगा सकता है। ईरान अमरीकी प्रतिबंधों के बाद भी अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखे हुए है।

बड़े खतरे के संकेत
अमरीकी अधिकारी ने दावा किया है कि ईरान के पास काफी मात्रा में रेडियोधर्मी पदार्थ है। इससे वह इस साल के अंत तक परमाणु हथियार बना सकता है। साथ ही, ईरान उत्तर कोरिया की मदद से लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइलें भी बना रहा है। ईरान से मिल रहे इन बड़े खतरों के संकेतों को देखते हुए ही अमरीका उस पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि, अधिकारी ने अपने इन दावों को लेकर कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है।

ट्रंप ने तैयार कराया मोर्चा
अमरीका ईरान में जिन करीब दो दर्जन लोगों और संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहा है, उन पर ईरान के मिसाइल, परमाणु हथियार और अन्य परंपरागत हथियार कार्यक्रमों में शामिल होने का आरोप है। बहरहाल, अमरीका यह नए प्रतिबंध एसे समय लगाने जा रहा है, जब राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ईरान के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभावों को कम करने की कोशिश में जुटे हैं। इसके अलावा, यह भी माना जा रहा है कि ट्रंप ने ईरान को सबक सिखाने के लिए इजरायल की दोस्ती संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन से कराई। तीनों देशों के बीच हुई दोस्ती से ईरान के खिलाफ मध्य-एशिया में एक बड़ा मोर्चा तैयार हुआ है। साथ ही, ट्रंप को यह भी उम्मीद है कि इस पहल से अमरीका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में इजरायल समर्थक उन्हें वोट करेंगे।



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