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सितंबर 2020: सात ग्रहों में होेने जा रहा है ये बड़ा बदलाव, जानिये इनके परिवर्तन का आप पर असर

ज्योतिष की दुनिया में ग्रहों के गोचर अत्यंत महत्वपूर्ण माने गए हैं। यह इसलिए माना जाता है क्योंकि सभी नवग्रह या नौ ग्रह हमारे आपके जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। चंद्रमा, सूर्य, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ज्योतिष के ऐसे प्रमुख ग्रह हैं, जिनकी हर चाल को ज्योतिष की दुनिया में काफी गंभीरता से लिया जाता है।

माना जाता है कि ग्रहों के गोचर, अस्त, वक्री, उदय या मार्गी होने के कारण हमारे जीवन में बदलाव आते हैं। ऐसे में हम सितंबर 2020 में होने जा रहे सभी ग्रह परिवर्तनों के संबंध में आपको बता रहे हैं। जानकारों के अनुसार ये सभी परिवर्तन ग्रह चालों के अनुसार आपकी राशिफल पर अपना खास असर डालेंगे और हर ग्रह के परिवर्तन का अपना अलग ही असर होगा।

महीना : दिन : गोचर/परिवर्तन
सितम्बर 2020 : 1 सितम्बर, मंगलवार : शुक्र का कर्क राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 2 सितम्बर, बुधवार : बुध का कन्या राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 10 सितंबर, बृहस्पतिवार : मंगल का मेष में गोचर
सितम्बर 2020 : 13 सितंबर, रविवार : गुरु धनु में मार्गी
सितम्बर 2020 : 16 सितम्बर, बुधवार : सूर्य का कन्या राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 22 सितम्बर, मंगलवार : बुध का तुला राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 23 सितम्बर, बुधवार : राहु का वृषभ राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 23 सितम्बर, बृहस्पतिवार : केतु का वृश्चिक राशि में गोचर
सितम्बर 2020 : 28 सितम्बर, सोमवार : शुक्र का सिंह राशि में गोचर


ये पड़ेगा आप पर असर:
01 सितंबर,2020: भाग्य के कारक ने बदली राशि...
सितंबर महीने के पहले ही दिन शुक्र ने अपनी राशि बदल ली है। शुक्र ग्रह 1 सितंबर को 02:02 बजे मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेगा, इस राशि में यह लगभग एक महीने तक गोचर करेगें। जिसके बाद 28 सितंबर 1 बजकर 1 मिनट तक शुक्र ग्रह इसी राशि में रहेगा और उसके बाद सिंह राशि में गोचर कर जाएगा।

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शुक्र को सुख और संपन्नता यानि भाग्य का कारक माना जाता है। मिथुन राशि की यात्रा समाप्त करके कर्क राशि में प्रवेश किया है। इस राशि के स्वामी चंद्रमा है जो शुक्र समभाव रखते हैं से न शत्रुता न मित्रता। शुक्र उन्हें अपने शत्रु मानते हैं इसलिए कर्क राशि में शुक्र के प्रवेश का फलित ज्योतिष पर गहरा प्रभाव पड़ता है | इस राशि में शुक्र हमेशा अपने आप को असहज महसूस करते हैं। ये वृषभ एवं तुला राशि के स्वामी हैं। कन्या राशि में नीच राशिगत और मीन राशि में उच्च राशिगत होते हैं।

02 सितंबर : बुध का परिवर्तन
ग्रहों में युवराज कहे जाने वाले बुध सिंह राशि की यात्रा समाप्त 2 सितंबर, 12 बजकर 3 मिनट पर सिंह से कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और 22 सितंबर को 16 बजकर 55 मिनट पर तुला राशि में गोचर कर जाएंगे। बुध का कन्या राशि में गोचर कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभफलदायक साबित होने वाला होगा।

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10 सितंबर : देव सेनापति की वक्री चाल
ग्रहों के सेनापति यानि देव सेनापति / धरती पुत्र और पराक्रम के कारक मंगल ग्रह स्वयं की राशि में मेष में 10 सितंबर से वक्री चाल से चलना आरंभ करेंगे। वक्री चाल यानि उल्टी चाल... जानकारों के अनुसार कोई भी ग्रह जब उल्टी चाल चलता है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। मंगल को क्रूर ग्रह का दर्जा प्राप्त है ऐसे में 10 सितंबर को मंगल की व्रकी चाल से कुछ राशियों के जातकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

13 सितंबर : देवगुरु होंगे मार्गी
सबसे शुभ फल देने वाले गुरु ग्रह 13 सितंबर को अपनी ही राशि धनु में मार्गी होने वाले हैं। गुरु के मार्गी होने से कई राशियों के जीवन में शुभ बदलाव आने के संकेत हैं। धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति कर्क राशि में उच्च तथा मकर राशि में नीचराशिगत माने गए हैं। इनके राशि परिवर्तन का पृथ्वी वासियों पर प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाई देता है।

16 सितंबर : कन्या संक्रांति
इस दिन सभी ग्रहों के राजा और प्रत्यक्ष देवता सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी किसी की कुंडली में सूर्य प्रबल होता है तो उसे मान-सम्मान और नौकरी में तरक्की मिलती है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में सूर्य मजबूत होगा उनके लिए समय शुभ और लाभ प्राप्ति का योग बनेगा। सूर्य हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं।

23 सितंबर : माह का सबसे बड़ा परिवर्तन
ज्योतिशास्त्र में राहु को क्रूर ग्रह माना गया है। जब-जब राहु का राशि परिवर्तन होता है तब तब सभी राशियों के जातकों पर इसका प्रभाव गहरा होता है। राहू व्यक्ति की चेतना को भ्रमित कर देता है। 23 सितंबर को राहु वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। राहु के राशि बदलने पर शुभ और अशुभ दोनों तरह प्रभाव देखने को मिलता है।

राहु की भांति ही केतु को भी क्रूर ग्रह माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि केतु ऐसा ग्रह है जो अगर किसी व्यक्ति पर मेहरबान हो जाए तो उसे राजा की भांति वैभव प्रदान कर देता है। लेकिन वहीं अगर कुंडली में केतु अशुभ भाव में जाकर बैठा गया है तब वह व्यक्ति को कंगाल भी कर देता है। 23 सितंबर को केतु धनु राशि को छोडकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। जिसके चलते कई राशियों में अचानक उठान (अचानक उंचाईयां मिलना ) व गिरावट( तकरीबन 100 फीसद काम पूरा हो जाने के बावजूद अचानक मना हो जाना) देखने को मिलेगी।



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