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Bengaluru Violence: कौन है SDPI नेता Muzamil Pasha, जिस पर लगा है हिंसा भड़काने का आरोप?

नई दिल्ली। नई दिल्ली। कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरु ( Bengaluru Violence ) में मंगलवार रात भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि, काफी संख्या में लोग घायल हुए हैं। घायलों में 60 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। वहीं, इस मामले में 145 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति ( Srinivas Murthy ) का भतीजा नवीन (Naveen) और SDPI का नेता मुजम्मिल पाशा ( Muzammil Pasha ) भी शामिल हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यहे वो दो शख्स हैं, जिसके कारण अचानक बेंगलुरु में इतना बड़ा बवाल मच गया । क्योंकि, विधायक के भतीजे ने पेसबुकर ( Facebook Post ) पर अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर विवादित पोस्ट किया था। जबकि, मुस्लिम नेता मुजम्मिल पाशा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। मुजम्मिल पाशा बेंगलुरु जाने-माने मुस्लिम नेता हैं। पाशा ने BBMP का चुनाव भी लड़ा था लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। बताया जा रहा है कि उसके एक पोस्ट से एक घंटे के भीतर काफी संख्या में लोग जमा हो गए थे।

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दरअसल, इस घटनाक्रम की शुरुआत कांग्रेस विधायक श्रीनिवास मूर्ति (Congress Mla Srinivas Murthy ) के भतीजे नवीन से हुई है। नवीन ने अपने सोशल मीडिया ( Social Media ) प्लेटफॉर्म फेसबुक अकाउंटर ( Facebook Account ) पर पैगंबर मोहम्मद ( Paigambar Muhammad ) को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट किया था। कुछ ही समय में यह पोस्ट वायरल हो गया। पोस्ट वायरल होने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय में हड़कंप मच गया। इसके बाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता मुजम्मिल पाशा (Muzammil Pasha) ने बेंगलुरु में हिंसा ( Bengaluru Violence ) भड़काने में अहम भूमिक निभाई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुजम्मिला पाशा ने ही बेंगलुरु में हिंसा भड़काई है। उनपर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने हिंसा भड़काने के लिए पैसे भी बांटे हैं और उनके इस काम में पार्टी के ही दो लोग जफर ( Jaffar ) और खलील ( Khalil ) ने मदद की।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, नवीन द्वारा जो पोस्ट किया गया था उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए मुजम्मिल पाशा केजी हल्ली थाना पहुंचे थे। थाने के बाहर काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग भी जमा हो गए। पाशा ने उस भीड़ को संबोधित भी किया। आरोप ये है कि इस दौरान जफर और खलील लोगों को भड़काने का काम कर रहे थे। कहा यहां तक जाता है कि जफर और खलील ने लोगों को पत्थरबाजी और गाड़ियों में आग लगाने के लिए उकसाया था। इसके बाद भीड़ विधायक श्रीनिवास मूर्ति के घर पहुंची और पहले पत्थराबाजी हुई फिर घर को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं, पुलिस स्टेशन को भी आगे के हवाले कर दिया गया और कई गाड़ियों को फूंक दिया गया। इधर, भीड़ को शांत कराने के लिए फायरिंग की गई, आंसू गैस के गोले दागे गए। इसमें तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। जबकि, 60 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। इसके अलावा काफी संख्या में प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। हिंसा भड़काने के बाद मुजम्मिल पाशा और उसके दो सहयोगी जफर और खलील निकल गए। इधर, पुलिस ने सबसे पहले नवीन को गिरफ्तार किया और पोस्ट को डिलीट करवाया गया। नवीन ने कहा मैंने यह पोस्ट नहीं किया है। बल्कि, मेरा फेसबुक अकाउंटर हैक हो गया था। वहीं, बुधवार को मुजम्मिल पाशा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन, जफर और खलील की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है। CCTV फुटेज में पाशा के खिलाफ कई सबूत मिले हैं और उसे हिंसा भड़काने का मुख्य आरोप माना जा रहा है। वहीं, नवीन से भी पूछातछ जारी है। लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि इन दोनों में हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है? नवीन, जिसने विवादित पोस्ट किया या फिर मुजम्मिल पाशा, जिसके एक इशारे पर पूरे शहर में बवाल मच गया?



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