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देश के 24 राज्यों में मिलेगी सस्ते अनाज की सुविधा, जानिए किन राज्यों के जुड़े नाम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ( Government of India ) की वन नेशन वन राशन कार्ड ( One Nation One Ration Card ) के तहत संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ( Jammu And Kashmir ) के अलावा मणिपुर ( Manipur ), नागालैंड ( Nagaland ) और उत्तराखंड ( Uttrakhand ) भी राशन कार्ड की नेशनल पोर्टेबिलिटी ( National Portability of Ration Card ) से जुड़ गए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ( Union Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution ) से मिली जानकारी के अनुसार, एक अगस्त, 2020 से 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना से कुल 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेश जुड़ चुके हैं, जिससे देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम ( National Food Security Act ) के करीब 65 करोड़ लाभार्थी इसका लाभ उठा सकेंगे।

देश में सभी मिल सके खाद्य सुरक्षा
मंत्रालय की ओर से दिए गए बयान के अनुसार 'वन नेशन वन राशन कार्ड' विभाग की एक महत्वाकांक्षी योजना और प्रयास है, जिसका मकसद सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 'सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आईएम-पीडीएस के अंतर्गत नेशनल पोर्टेबिलिटी लागू करके राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013के तहत कवर किए गए सभी लाभार्थियों को, चाहे वे देश में कहीं भी रह रहे हों, उनकी खाद्य सुरक्षा पात्रताओं की डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके।

इन नए राज्यों को किया गया शामिल
मंत्रालय के अनुसार, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना की प्रगति समीक्षा की थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखण्ड की तकनीकी तैयारी अपेक्षित पाई गई। लिहाजा, विभाग ने इन्हें एक अगस्त से नेशनल पोर्टेबिलिटी कलस्टर में पहले से शामिल 20 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों के साथ जोड़ दिया है। इस प्रकार एक अगस्त, 2020 से अब 'वन नेशन वन राशन कार्ड' के तहत कुल 24 राज्य एवं संघ शासित प्रदेश आ गए हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड हैं।

कुल लाभार्थियों के 80 फीसदी ले सकेंगे कहीं से भी सुविधा
मंत्रालय ने बताया कि राशन काडरें की नेशनल पोर्टेबिलिटी के माध्यम से कुल लगभग 65 करोड़ आबादी यानी एनएफएसए के कुल लाभाथिर्यों का तकरीबन 80 फीसदी अब इनमें से किसी भी राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों में कहीं भी अपने हिस्से का अनाज ले सकते हैं। इस प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रवासी लाभार्थी, जो अस्थायी रोजगार आदि की तलाश में अपना निवास स्थान बार-बार बदलते रहते है, उनके पास अब देश में अपनी पसंद की किसी भी उचित दर दुकान पर लगे इलेक्ट्रोनिक पॉइंट ऑफ सेल उपकरण पर बायोमेट्रिक एवं आधार कार्ड आधारित प्रमाणन द्वारा अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके अपने कोटे अनाज ले सकते हैं।



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