PM Modi ने छोड़ी चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Weibo, इतने लाख थे फॉलोअर्स, चीन को करारा जवाब

नई दिल्ली। भारत-चीन ( India-China Tension ) के बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया है। गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच दूरियां और बढ़ती जा रही है। भारत लगातार एक के बाद एक छीन को बड़ा झटका दे रहा है। केन्द्र सरकार ( Central Government ) ने पहले 59 चाइनीज कंपनियों ( Chinese Company ) को भारत में बैन कर दिया। वहीं, अब खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने चीनी सोशल मीडिया बेबो ( Weibo ) से अलविद कह दिया है।
PM मोदी ने Weibo को कहा अलविदा
दरअसल, लद्दाख सीमा ( Ladakh Border ) पर भारत-चीन ( India China Face Off ) के बीच काफी तनाव बढ़ गया है। देश में चीन ( China ) को लेकर काफी रोष है, लिहाजा सरकार लगातार चीनी कंपनियों को बैन कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Modi ) ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ( Chinese Social Media Platform ) Weibo को छोड़ दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ साल पहले ही प्रधानमंत्री इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े थे। जानकारी के अनुसार, साल 2015 में प्रधानमंत्री ने इस सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट ( PM Modi Account on Weibo ) बनाया था और जब चीन का दौरा ( PM Modi China Visit ) किया था, तो उन्होंने वेबो पर कुछ मैसेज किए थे। प्रधानमंत्री ने इस प्लेटफॉर्म पर अब तक 115 पोस्ट किए थे। इनमें 113 पोस्ट तो बड़े आसानी से डिलीट गए, लेकिन दो पोस्ट को डिलीट करने में काफी समय लग गया।
Weibo पर PM Modi के दो लाख से ज्याद फॉलोअर्स
दरअसल, Weibo अकाउंट की प्रक्रिया थोड़ा कठिन है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के जिस पोस्ट में चीनी राष्ट्रपित Xi Jinping की तस्वीर थी, उसे डिलीट करने में समय लग गया है। हालांकि, बाद में सभी पोस्ट डिलीट हो गए। वेबो पर पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के कुल 2,44,000 फॉलोअर थे। यहां आपको बता दें कि भारत ने सोमवार को टिक टॉक ( Tik Tok ), यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप को यह कहते हुए प्रतिबंधित कर दिया था कि ये देश की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के लिए नुकासनदेह हैं। इन प्रतिबंधित ऐप की सूची में शेयरइट, वीचैट और बिगो लाइव भी शामिल हैं। हालांकि, इस प्रतिबंध को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। इतना ही नहीं कई प्रोजेक्टों में भी सरकार ने चीनी कंपनियों को बैन कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि भारत अब चीन के सामने झुकने वाला नहीं है। लिहाजा, इस तरह के बड़े और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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