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Corona से पार पाने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटी पूरी दुनिया, भारत में मार्च तक पूरा हो जाएगा Human Trial

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) को नियंत्रित करने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन ( Vaccine ) ईजाद करने को लेकर युद्धस्तर पर प्रयास जारी है। कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हैं। भारत सहित रूस, चीन, अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) बनाने की दिशा में काम तेजी से जारी है। वैक्सीन बनाने का मामला अब ह्यूमन ट्रायल ( Human Trials ) के स्टेज तक पहुंच गया है।

पूरी दुनिया में 130 से ज्यादा वैक्सीन पर शोध कार्य जारी है। 20 वैक्सीन ट्रायल के अलग-अलग चरण से गुजर रही है। भारतीय वैज्ञानिक ( Indian Scientist ) भी कोरोना वैक्सीन का काम ह्यूमन ट्रायल ( Corona Vaccine Human Trial ) तक पहुंच गए हैं। भारतीय चिकित्सा विज्ञानियों ने उम्मीद जताई है कि मार्च तक वैक्सीन ईजाद होकर बाजार में आ जाएगा।

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India पहले और दूसरे फेज में

कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर भारत ( Corona Vaccine India ) में कोवैक्सीन और जोकोव-डी नाम की दो वैक्सीन का ट्रायल फेज 1 और 2 में है। शुरुआती डोज दिए जाने के बाद वॉलंटियर्स में किसी तरह के साइड-इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं। रिसर्च में सहयोग के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ( Department of Biotechnology ) का सहयोग देने में जुटा है। कंपनी की तैयारी मार्च तक मानव परीक्षण पूरा करने की है। इसमें सफलता मिलने के बाद कंपनी 100 मिलियन डोज वैक्सीन बनाएगी।

America मानव परीक्षण के अंतिम दौर में

America में मॉडर्ना 27 जुलाई के आसपास वैक्सीन के मानव परीक्षण ( American Corona Vaccine Human Trials ) के अंतिम चरण की योजना बना रही है। कंपनी 87 स्थानों पर वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल करेगी। यह सभी स्थान अमरीका में ही हैं। सरकार वैक्सीन का वित्त पोषण करेगी। कनाडा स्थित मेडिकैगो ने कोविड वैक्सीन के परीक्षण के लिए पहले चरण का ट्रायल शुरू किया है।

Russia का सबसे पहले वैक्सीन देने का दावा

इस बीच रूस के वैज्ञानिकों का दावा है कि विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन ( Coronavirus Vaccine ) अगस्त में लांच हो जाएगी। मास्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन के लिए क्लिनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। क्लिनिकल ट्रायल ( Clinical Trials ) गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी में 18 जून से जारी है। क्लिनिकल ट्रायल के पहले बैच को 15 जुलाई को छुट्टी दे दी गई। दूसरे बैच को 20 जुलाई छुट्टी मिलेगी।

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Britain में दूसरे दौर का ट्रायल जारी

ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और इंपीरियल कॉलेज ( Oxford University and Imperial College ) की टीम वैक्सीन बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं।ब्रिटेन में इंसानों पर ट्रायल अब दूसरे और तीसरे दौर में है। ट्रायल के दूसरे फेज में 105 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। तीसरा ट्रायल नवंबर में 6,000 लोगों पर करने की योजना है।

China में तेजी से हो रहा है वैक्सीन पर काम

चीनी कंपनी सीनोवेक बायोटेक की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के थर्ड स्टेज में पहुंच चुकी है। तीसरे दौर में पहुंचने वाली दुनिया की पहली कोविड-19 ( Covid-19 ) वैक्सीन है। अबू धाबी में 15,000 रजिस्टर्ड वॉलंटियर को पहली डोज दी गई। 28 दिन के अंदर दो बार वैक्सीन की डोज देने पर 100 फीसदी लोगों में एंटीबॉडीज विकसित हुआ। चीन में चार संभावित कोरोना की वैक्सीन विकसित की जा रही हैं। वुहान इंस्टीट्यूट और सीनाफॉ‌र्म्स की वैक्सीन दूसरे चरण में हैं।

Germany and Australia भी दूसरे फेज में

जर्मनी में बायोएनटेक, पीफाइजर और फोसन फार्मा संभावित वैक्सीन बनाने के दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन पैटी लिमिटेड और मेडिटॉक्स का काम पहले चरण में है।



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