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देशभर में मनाई जा रही बकरीद, corona संकट के बीच दिल्ली में ऐसे मन रहा Eid al-Adha

नई दिल्ली। पूरा देश इस समय कोरोना वायरस (coronavirus) की चपेट में है। इस महामारी को रोकने और उसकी चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन (India Lockdown) लागू है। हालांकि, आज से Unlock 3.0 का आगाज हो चुका है। इसके बावजूद कई सारी पाबंदियां जारी हैं। इन्हीं पाबंदियों के बीच शनिवार को देश में Eid al-Adha का त्योहार मनाया जा रहा है। सुबह से ही लोग नमाज अता कर रहे हैं। हालांकि, इस दौरान कोरोना को लेकर जो गाइडलाइन ( corona Guideline ) जारी किया गया है, उसका भी मस्जिदों में पालन कराया जा रहा है।

ईद-उल-अजहा ( Eid al-Adha ), जिसे आमतौर पर बकरीद ( Bakra Eid 2020) के रूप में जाना जाता है। यह बलिदान का त्योहार है, जो दसू हिजाह के दसवें दिन मनाया जाता है। अधिकांश मुसलमान ( Muslim ) इस दिन जानवरों, मवेशियों, बकरियों या भेड़ों की बलि देते हैं। साथ ही मांस को जरूरतमंदों और अपने परिवारों के सदस्यों के बीच वितरित करते हैं। जामा मस्जिद के मीडिया प्रभारी सबिउल्लाह खान ( Sabiullah Khan ) ने कहा, “ हम नमाज अता के लिए सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। बिना मास्क (Face Mask) के लोगों को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जामा मस्जिद कैंपस में आने से पहले लोगों को अपनी खुद की प्रार्थना मैट भी साथ लाना होगा।' इतना ही नहीं किसी गड़बड़ी से बचने के लिए समय सीमा में भी परिवर्तन किया गया था। नमाज सुबह छह बजकर पांच मिनट से अता किया गया है। यहां आपको बता दें कि लॉकडाउन (India Lockdown) के कारण धार्मिक स्थानों को बंद कर दिया गया था। लेकिन, आठ जून से पाबंदियों के साथ इसे दोबारा खोलने की इजाजत दी गई थी। दिशा-निर्देश के मुताबिक, धार्मिक स्थानों पर एक साथ अभी ज्यादा संख्या में लोग जमा नहीं हो सकते हैं।

फतेहपुरी मस्जिद ( Fatehpuri Masjid ) के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ( Mufti Mukarram Ahmed ) का कहना हैकि COVID-19 और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण लोग ईद-उल-फितर के दौरान मस्जिदों में नमाज अता करने के लिए सक्षम नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमने बार-बार घोषणा की है कि लोगों को इस बार भी घर पर ही नमाज अता करनी चाहिए। लेकिन, अगर वे मस्जिद आते हैं तो उन्हें सारे नियमों का पालन करना होगा। वहीं, जिनमें कोरोना का लक्षण दिखेगा उन्हें मस्जिद के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इधर, राष्ट्रीय राजधानी के ओखला (Okhala), पुरानी दिल्ली (Old Delhi) और उत्तर-पूर्वी दिल्ली की कई मस्जिदें कोरोना गाइडलाइन (COVID-19 Guideline) को फॉलो करते हुए ईद की नमाज अता करवाएंगी।

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि मस्जिद में नमाज अता किए बिना या बुजुर्गों से मिले बगैर ईद अधूरी लगती है। कोरोना महामारी (coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के कारण कोरोबारियों को भी काफी नुकसान हुआ है। मीना बाजार के एक महिला कारोबारी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल कोई कारोबार नहीं हुआ है। मई में ईद के दौरान दुकानें नहीं खुल सकती थीं। लेकिन अब जब दुकानें खुली हैं तो कोई ग्राहक नहीं है।बाजार में कई व्यवसाय बंद हो गए, क्योंकि दुकानदार अब किराया नहीं दे सकते थे। महिला का कहना है कि हमारे पास दो दुकानें थीं, लेकिन मजबूरी में एक दुकान को बंद करना पड़ा। बकरी विक्रेता मोहम्मद सिराजुद्दीन का कहना है कि पिछले साल उन्होंने 34 बकरियां बेची थीं, लेकिन इस साल केवल एक ही बेच पाए। आलम ये है कि इस महामारी के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है और उनके लिए यह त्योहार काफी फीकी साबित हुई।



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