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लॉकडाउन के बाद ऐसे स्टार्ट करें काम, बिजनेस में होगा मुनाफा

कोविड-19 महामारी से लगे लॉकडाउन के कारण हम पिछले कुछ समय से घर पर ही रहने को मजबूर थे, पर अब लॉकडाउन खुल रहा है, इसी के साथ दफ्तर भी खुल चुके हैं। दफ्तर में जल्द से जल्द काम फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हैं। चार महीने के लॉकडाउन के दौरान हमने वर्क फ्रॉम होम कल्चर को अपनाया और नए युग की तकनीकों और इंटरनेट सेवाओं के साथ खुद को बदला है। अब इस पोस्ट लॉकडाउन के साथ हमें फिर से अपने दफ्तर कल्चर की ओर रुख करना है। चार महीनों तक घर से काम करने के बाद हमें फिर से ऑफिस कल्चर में ढलने के लिए प्रयास करने होंगे।

कार्यक्षमता बढ़ानी होगी
अपनी कुशलता और कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए एम्प्लॉई को दफ्तर जाने से पहले मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होना जरुरी है। यह समय उचित समय है अपने आप की कार्यक्षमता से अन्य कर्मचारियों से आगे बढऩे का और अपनी योग्यता सिद्ध करने का। बस समय के साथ आपको अपनी कार्य क्षमता और कुशलता दोनों ही बढ़ानी होगी।

हानि को लाभ में बदलने का अवसर
लॉकडाउन के दौरान हमने जो खोया है, अब उसे पाने का समय आ गया है। अब दफ्तरों और फैक्ट्रियों में पहले के मुकाबले तेजी से काम शुरू होगा। सभी व्यापारी लॉकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहले से ज्यादा सक्रिय हो जाएंगे। इसीलिए आपके पास भी मौका होगा जो खोया है, उसकी भरपाई करने का। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने जुनून के साथ काम करें।

समय के साथ बदलना होगा
पब्लिक रिलेशन एक्सपर्ट अतुल मलिकराम कहते हैं कि लॉकडाउन ने व्यवसाय की दुनिया में कई बदलाव किए हैं। होम कल्चर से सीधे ऑफिस कल्चर में शिफ्ट होना आसान नहीं होगा। अगर हम इस गिरती अर्थव्यवस्था में अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं तो हमें खुद को बदलना होगा। व्यवसाय के मालिकों को कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

चुनौतियों का सामना करना होगा
मौजूदा हालातों के कारण कई कंपनियों ने अपने नियमों में बदलाव किया है। दफ्तरों में सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के उपाय किए हैं। जिस तरह से हम पहले ऑफिस में कार्य करते थे, अब वैसा नहीं है। चेहरों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में भी हमें अवेयर रहना होगा। वहीं घर पर इतना लंबा समय बिताने के बाद सभी को अपने परिवार से दूर जाना मुश्किल लगेगा।

प्रमोशन का अवसर
हमें कोरोना काल के दौरान आपदा को अवसर में बदलना है। इस समय कई कंपनियों में कर्मचारियों की कमी होगी और इसी दौरान हमें अपनी दक्षता सिद्ध करनी होगी। अगर हम सही पैमानों के अनुसार अपना कार्य करते हैं तो हमारा प्रमोशन होना तय है।

नजरें सिर्फ लक्ष्य पर हों
जब आप अपने दफ्तर में फिर से कदम रखेंगे तो सब कुछ अलग लगेगा। अपने पुराने दिनों के बारे में सोचने और पुरानी जिंदगी के अनुभव को याद करने के बजाय प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए जोश और ऊर्जा के साथ नए सिरे से अपने काम की शुरुआत करनी होगी। महामारी ने हमारे कार्य करने के तरीकों पर असर डाला है, हमारे लक्ष्य पर नहीं।



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