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भारतीय रेल सेवा में निजीकरण की गति हुई तेज, 2023 से चलने लगेगी प्राइवेट ट्रेन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ( Central Govwrnment ) ने भारतीय रेल ( Indian Rail ) सेवा के क्षेत्र में निजीकरण ( Privatisation ) की गति को तेज कर दी है। अब इस दिशा में तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक निजी क्षेत्र की कंपनियां ( Private Company ) द्वारा 12 रेलगाड़ियों का परिचालन 2023 से शुरू होने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2023-24 में ऐसी 45 रेलगाड़ियां और शुरू होंगी। निजी क्षेत्र में ऐसी 151 रेलगाड़ियां तय योजना के मुताबिक 2027 तक शुरू हो जाएंगी।

रेलवे ने अपने नेटवर्क पर निजी कंपनियों को यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने की प्रक्रिया 8 जुलाई, 2020 में शुरू कर दी है। देश भर के 109 जोड़ा रूटों पर 151 आधुनिक यात्री रेलगाड़ियां ( Modern passenger trains ) चलाने के लिए रेलवे ने जुलाई के पहले सप्ताह में निजी कंपनियों की ओर से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

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रेलवे की योजना 2022-23 में 12 रेलगाड़ियां चलाने की है। इसके बाद वर्ष 2023-24 में 45, 2025-26 में 50 और इसके अगले वित्त वर्ष में 44 रेलगाड़ियां शुरू करने की योजना है। इस तरह वित्त वर्ष 2026-27 तक कुल 151 रेलगाड़ियां शुरू की जाएंगी।

इस योजना के तहत 8 जुलाई को जारी किए गए योग्यता के लिए अनुरोध ( RFQ ) को नवंबर तक अंतिम रूप दिए जाने का अनुमान है। वित्तीय बोलियों को मार्च 2021 तक खोला जाएगा। इसके बाद 31 अप्रैल, 2021 तक बोलीदाताओं का चयन किए जाने का अनुमान है। अधिकारी ने कहा कि कुल आय में अधिकतम हिस्सेदारी ( Maximum share ) की पेशकश करने वाले बोलीदाताओं को परियोजना दी जाएगी।

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रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने एक योजना तैयार की है जिसके तहत हमें निजी रेल ( Private Train ) परिचालन शुरू करने की उम्मीद है। मार्च, 2021 तक निविदाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। मार्च, 2023 से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे ने कहा है कि 70 प्रतिशत निजी रेलगाड़ियों का विनिर्माण भारत में किया जाएगा। निजी ट्रेनों को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए डिजाइन किया जाएगा।

रेलवे के उक्त अधिकारी ने बताया कि रेलगाड़ियों के 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर यात्रा समय में 10-15 प्रतिशत और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने पर 30 प्रतिशत तक की बचत होगी। रेलवे को इन 151 रेलगाड़ियों के परिचालन से प्रति वर्ष लगभग 3,000 करोड़ रुपए भाड़े के तौर पर मिलने की उम्मीद है। इन रेलगाड़ियों पर भारतीय रेलवे ( Indian Railway ) के चालक और गार्ड ही रखे जाएंगे।



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