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भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 13 लाख पार, 30000 से ज्यादा मौतें

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना का कहर जारी है। शुक्रवार शाम को भारत में कोरोना वायरस ( Coronavirus Pandemic ) से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 13 लाख के पार हो गया। इस वायरस से मरने वालों की संख्या 30,000 ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही भारत ( India ) ने कोरोना से मौत के मामले में फ्रांस ( France ) को भी पीछे छोड़ दुनिया में छठे स्थान पर पहुंच गया है। अब मौत के मामले में भारत से अमरीका, ब्राजिल, ब्रिटेन, मेक्स‍िको और इटली ( America, Brazil, Britain, Mexico and Italy) ही आगे हैं।

चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले 21 दिनों के दौरान भारत में कोरोना के मरीज ( Coronavirus Patients ) दोगुने हो गए हैं। बता दें कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2 जुलाई को 6 लाख थी जो 24 जुलाई को 13 लाख से ज्यादा हो गई है।

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महाराष्ट्र में कोरोना के मरीज सबसे ज्यादा

भारत में अब तक कोरोना के 13,06,002 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र ( Coronavirus in Maharashtra ) में 3,47,502 मामले सामने आए हैं जो सबसे ज्यादा है। दूसरा नंबर तमिलनाडु का है जहां 1,99,749 लोग कोविद-19 ( Covid-19 ) से संक्रमित हो चुके हैं। दिल्ली 1,27,364 मरीजों के साथ तीसरे नंबर पर है।

सभी से एकजुट होने की अपील

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य डॉ. हर्षवर्धन ( Union Health Minister Dr. Harshvardhan ) ने एससीओ ( SCO ) के सभी सदस्य देशों से संकट की इस घड़ी में एकजुट होने और स्वास्थ्य तथा अर्थव्यवस्था पर कोविड के प्रभाव को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया है कि भारत में कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने की दर 63.45 और मृत्यु दर 2.3 फीसदी है।

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भारत में मृत्यु दर सबसे कम

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लॉकडाउन का जिक्र करते हुए कहा कि प्रति 10 लाख आबादी पर 864 मामले सामने आने और 21 से कम मरीजों की मृत्यु होने के साथ भारत दुनिया में सबसे कम संक्रमण और मृत्यु दर ( Death rate ) वाले देशों में से एक है।

पारंपरिक चिकित्सा का योगदान अहम

डॉ. हर्षवर्धन ने शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई एक बैठक में इस बात पर जोर दिया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान आम लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ने अहम योगदान दिया है। वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग पर चर्चा करने के लिए एससीओ के भीतर कोई संस्थागत तंत्र नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) की पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2014-2023 को पूरा करने की क्षमता रखता हो।



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