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1 अगस्त से बदलने वाले हैं कई नियम, गाड़ी का इंश्योरेंस कराने समेत जान लें ये खास बातें

नई दिल्ली। कोरोना काल (Coronavirus Pandemic) के दौरान सरकार ने कई पुरानी व्यवस्थाओं में उलटफेर किए हैं। इनमें गाड़ी के थर्ड पाटी इंश्योरेंस (Vehicl Insurance) समेत सेविंग अकाउंट की ब्याज दरों में बदलाव किया है। ये सभी नियम 1 अगस्त से लागू होंगे। इनका आपके महीने के बजट पर असर पड़ सकता है। तो क्या हैं ये बदलाव आइए जानते हैं।

व्हीकल इंश्योरेंस से जुड़े नियम
1 अगस्त से कार और टू-व्‍हीलर इंश्योरेंस से जुड़े नियम बदलने वाले हैं। भारतीय बीमा विकास व नियामक प्राधिकरण (इरडा) ने जून में लॉन्ग टर्म पैकेज्ड थर्ड पार्टी और ओन-डैमेज इंश्योरेंस पॉलिसी के नियम को वापस ले लिया है। इससे अब 1 अगस्त से गाड़ी खरीदते समय कार के लिए 3 साल का और टू व्हीलर्स के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी कवर लेना जरूरी नहीं रहेगा। इस बदलाव के जरिए सरकार ने लोगों को सहूलियत देने की कोशिश की है। इरडा का मानना है कि इंश्योरेंस की वजह से गाड़ी खरीदनी महंगी हो जाती है जिसके चलते कई लोगों का सपना पूरा नहीं हो पाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए परिवर्तन किया गया है।

सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरों में बदलाव
RBI ने सेविंग अकाउंट (Saving Account) पर ब्याज दरों में कटौती की है। 1 अगस्त से लागू होने वाले नए नियम के तहत अब बचत खाते में एक लाख रुपए तक जमा पर 4.75 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा। जबकि 1 लाख से ज्यादा और 10 लाख रुपए तक में 6 फीसदी और 10 लाख से 5 करोड़ रुपए तक के जमा होने पर 6.75 फीसदी ब्याज मिलेगा। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने एटीएम से पैसे निकालाने के नियम में भी बदलाव किया है। अब ग्राहक एक महीने में एटीएम से 5 बार फ्री में कैश निकाल सकते है।

मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगेगा चार्ज
1 अगस्त से कई बैंकों में अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance In Account) न रखने पर अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा। इनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक शामिल है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र में बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस 2000 रुपए रखने होंगे। पहले ये रकम 1500 रुपए थी।

ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के लिए नियम
डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के निर्देश के अनुसार अब सभी ई-कॉमर्स (E-Commerce Companies) कंपनियों को प्रॉडक्ट लिस्टिंग में कंट्री ऑफ ओरिजिन के बारे में बताना होगा। यानी सामान कहां बना है इस बात की जानकारी देनी होगी। ये कदम स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। ये नियम भी 1 अगस्त से लागू होंगे।



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