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India-China Dispute: अब चीन ने की एक भी गलती तो IBG नहीं देंगे माफी मांगने का मौका

नई दिल्ली। भारत-चीन सेना के बीच लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव ( india-china dispute ) बढ़ता जा रहा है। इस बीच चीन द्वारा किसी प्रकार के कदम उठाए जाने या संभावित खतरे ( India-China War ) का जवाब देने के लिए एकीकृत युद्धक समूह ( integrated battle groups ) और थियेटर कमान ( theatre command ) के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इसकी वजह ऐसी कार्रवाई के लिए दोनों का ज्यादा प्रभावी ( Terrain expert fighters ) होना है। निर्देश मिलते ही 12 घंटे से भी कम समय में IGB लड़ाई चालू कर सकते हैं। जबकि इसके साथ थियेटर कमान बनाकर ऐसी किसी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए आगे बढ़ने पर विचार किया जा रहा है।

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बता दें कि सात साल पहले तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के कार्यकाल में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने फैसला लिया था कि माउंटेन स्ट्राइक कार्प का गठन किया जाए। माउंटेन स्ट्राइक कार्प में ऐसे 90 हजार जवानों को शामिल किया जाना था, जो ऊंचे पहाड़ी इलाकों में किसी भी तरह की लड़ाई लड़ने में सबसे शानदार हों।

सेना

उस वक्त इस कार्प के गठन में करीब 65 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का आंकलन किया गया था। इसके बाद तेजी से काम आगे बढ़ाया गया और 17वीं माउंटेन कार्प का गठन किया गया। हालांकि बाद में इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका।

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इसके बाद तत्कालीन इंडियन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ( general bipin rawat ) ने वर्ष 2018 में बड़ा फैसला लिया। उन्होंने 17 माउंटेन कार्प को IBG में बांटने करने का निर्णय ले लिया और तीन युद्धक समूह ( Battle Groups ) बनाए गए। इसके साथ ही चीन से सटी सीमा पर इन ग्रुप्स ने हिम विजय युद्ध का अभ्यास भी किया। इसके पीछे सोच यह थी कि एक बड़ी फोर्स की जगह ऐसे नए बैटल ग्रुप्स गठित किए जाएं जो जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई के लिए पहुंच सकें। इन्हें सेनाओं में डिविजन का स्थान मिलना तय किया गया।

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अगर बात करें माउंटेन स्ट्राइक कार्प की तो इसे वायुसेना से लैस कराना मूल योजना में था। हालांकि तमाम वजहों से अपेक्षित काम नहीं हो सका। इसके बाद जब देश के पड़ोसी मुल्क में नए डेवलपमेंट हुए तो फैसला लिया गया कि इसी की तरह यह काम करेगा। IGB और थियेटर कमान उसी तैयारी को लेकर गठित किए गए सुरक्षा के लिए जरूरी हिस्से हैं।

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भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक चीन से मिलने वाली संभावित चुनौती को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ये बैटल ग्रुप्स ज्यादा कारगर हैं। इसके साथ ही सेना के थियेटर कमान में थल सेना के साथ वायुसेना और नौसेना का भी बैकअप मौजूद रहता है। इससे पहले चीन पहले ही पांच थियेटर कमान गठित कर चुका है। भारत में प्रस्ताव है कि कम से कम छह थियेटर कमान का गठन किया जाए, ताकि सेना की कार्रवाई और मारक क्षमता में इजाफा किया जा सके।



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