Coronavirus का खौफ, भीड़ ने नहीं करने दिया संक्रमित का अंतिम संस्कार,अधजली लाश लेकर भागे परिवारवाले

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus Update) का कहर लगातार जारी है। कोरोना वायरस (Coronavirus In India) के देश में अब कुल मामले दो लाख से पार हो चुके हैं। बुधवार सुबह नौ बजे तक के Ministry of Health and Family Welfare के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में इस संक्रामक बीमारी के 8,909 नए केस सामने आए, जबकि 217 लोगों की जान चली गई। वहीं, अब देश में कोरोना (Coronavirus Outbreak) के कुल केसों की संख्या 207,615 हो गई है, जिसमें 101,497 एक्टिव केस हैं। हालांकि, कुल मामलों में 100,303 सही/डिस्चार्ज/माइग्रेट भी हुए हैं और अब तक इस महामारी से 5,815 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना वायरस महामारी की दहशत इतनी ज्यादा है कि इस वायरस से संक्रमित के अंतिम संस्कार का भी विरोध कर रहे हैं।

परिवार को करना पड़ा लोगों के विरोध का सामना

एक ऐसा ही मामला जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सामने आया है। यहां कोरोना संक्रमण से हुई बुजुर्ग की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के लिए दोमाना पहुंचे परिवार वालों और प्रशासन के लोगों को स्थानीय लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ ने पत्थरों व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। ऐसे में परिजनों को चिता से अधजला शव लेकर वहां से जीएमसी वापस भागना पड़ा।

पुलिस ने घटना से किया इनकार

न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, बाद में प्रशासन की मौजूदगी में गोल गांव स्थित श्मशान घाट पर नियमों के अनुसार शव का अंतिम संस्कार कराया गया। हालांकि, प्रशासन और पुलिस ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।

जानिए क्या था पूरा मामला

मृतक के परिवार के मुताबिक, 72 वर्षीय रिटायर्ड टीचर की सोमवार को जीएमसी जम्मू में कोरोना के कारण मौत हो गई थी। मंगलवार को एक राजस्व अधिकारी और मेडिकल टीम के साथ सुबह 6.30 बजे एंबुलेंस में शव को लेकर दोमाना क्षेत्र में पहुंचे। एंबुलेंस में शव के साथ मृतक के दो बेटे, पत्नी और अन्य कुछ लोग थे। सभी को पीपीई किट सहित अन्य जरूरी सेफ्टी इक्विप्मेंट्स दिए गए थे।

स्वास्थ्य कर्मियों पर बरसाए पत्थर

श्मशान घाट पर जैसे ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होने लगी, स्थानीय लोग वहां जमा हो गए। लोगों ने अंतिम संस्कार का विरोध शुरू कर दिया। घरवालों का आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने उनके साथ स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर बरसाए व लाठी डंडे भी चलाए। इसके कारण चिता से शव को वापस एंबुलेंस में रखकर जीएमसी लाया गया।

सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार

बुजुर्ग के बेटे ने कहा, 'हमने अपने गृह जिले में अंतिम संस्कार करने के लिए सरकार ने अनुमति मांगी थी, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि जहां मौत हुई है. वहीं अंतिम संस्कार की समुचित व्यवस्था की जाएगी और दाह संस्कार में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी.' परिवार का आरोप लगाया कि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की, जबकि घटनास्थल पर दो सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। इसके बाद में शव का अंतिम संस्कार गोल गांव में अतिरिक्त उपायुक्तए एसडीएम समेत सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया



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