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Corona का खौफ: Public Transport से बच रहे लोग, केन्द्र ने कहा- साइकिल को बढ़ावा देने पर जोर दें States-UT

नई दिल्ली। पूरे देश में इन दिनों कोरोना वायारस ( coronavirus ) का प्रकोप जारी है। इस महामारी को रोकने और उसकी चेन को तोड़ने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन ( India Lockdown ) लागू है। वहीं, एक जून से लॉकडाउन 5.0 ( Lockodwn 5.0 ) का आगाज हो चुका है। हालांकि, इसे Unlock1.0 के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि, चरणबद्ध तरीके से देश को खोला जा रहा है। काफी चीजें खुल चुकी हैं, कुछ धीरे-धीरे खुल रही है। लेकिन, इस खतरनाक वायरस का भय लोगों में लगातार कायम है। इसका परिणाम ये है कि लोग अभी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( Public Transport ) से यात्रा करने से बच रहे हैं। लिहाजा, केन्द्र ने राज्यों ( States ) और केन्द्र शासित प्रदेशों ( UT) से अपील की है कि वे साइकिल को बढ़ावा देने पर जोर दें।

केन्द्र ने जारी की एडवाइजरी

शहरी एंव आवासीय मामलों के मंत्रालय का कहना है कि COVID-19 का खौफ लोगों में लगातार बरकरार है। लिहाजा, लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( Public Transport In Lockdown ) का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में तकरीबन 90 तक की गिरवाट आई है। क्योंकि, कोरोना का खौफ अभी भी लोगों में है और आगे भी जारी रहेगा। मंत्रालय ने एडवाइजरी ( Ministry On Public Transport ) जारी करते हुए कहा कि कोरोना को लेकर लोगों के बीच जिस तरह का माहौल है, ऐसे में राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश को दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए। केन्द्र का कहना है कि इस परिस्थिति में राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश बिना पेट्रोल-डीजल ( Petrol-Diesel ) से चलने वाले वाहनों पर जोर दें। वहीं, ग्रामीण इलाकों में साइकिल बढ़ावा देने की जरूरत है।

पहले की तरह पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चलाने बड़ी चुनौती- Durga Shanker Mishra

सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ( Durga Shanker Mishra ) का कहना है कि देश में सार्वजनिक परिवहन को पहले की तरह चलाना बड़ी चुनौती है। उनका कहना है कि कोरोना के डर (Fear Of Coronavirus) और लॉकडाउन के कारण लोग अलग-अलग परिवहन सेवाओं का इस्तेमाल करना पसंद कर रहे हैं। निजी वाहन देना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राज्यों में अन्य विकल्पों पर विचार करने होंगे। एडवाइजरी के मुताबिक, कोरोना के कारण लोगों के मन में असुरक्षा की भावना बहुत बढ़ गई है। लिहाजा, सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या में काफी इजाफा होगा। इसके कारण प्रदूषण ( Pollution ) का स्तर बढ़ेगा और दुर्घटनाएं भी ज्यादा होगी। क्योंकि, शहरी इलाकों में आने वाले समय में मेट्रों और बस सर्विस को भी पूरी तरह से शुरू किया जाएगा तो केवल 50 प्रतिशत यात्री ही यात्रा कर पाएंगे। लिहाजा, बचे 50 प्रतिशत लोगों के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार करने की सख्त जरूरत है। एडवाइजरी में कुछ देशों का उदाहरण भी दिया गया है, जिसमें मेट्रो ( Metro Service ), बस ( Bus Service ), कार सेवाओं के अलावा साइकिल चलाने पर लगातार जोर दिया जा रहा है। अब देखना ये है कि केन्द्र की इस अपील को राज्य सरकार किस तरह और कहां तक लागू करती है।



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