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कभी इन देवी मां के चमत्कार के आगे भागता दिखा था चीन,अब फिर देवी मां से मदद मांगने पहुंचे श्रृद्धालु

कोरोना के चलते लॉकडाउन में बंद हुए मंदिरों में एक मंदिर ऐसा भी है, जिसने कभी चीन के तक होश उड़ा दिए थे। वहीं इस लॉकडाउन के दौरान ही चीन ने भी लद्दाख के पास नापाक हरकत की कोशिश की। ऐसे में आज हम आपको उस मंदिर के बारे में बता रहे हैं जिसने 1962 के युद्ध में चीन को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था।

वहीं 8 जून 2020 को यह मंदिर एक बार फिर खुल गया है, लॉक डाउन के कारण पिछले ढाई महिने से मंदिर बंद था। दरअसल हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के दतिया स्थित पीतांबरा पीठ की।

जानकारी के अनुसार रविवार को यानि 8 जून 2020 को दतिया के स्थानीय लोगों को जिन्होंने पूर्व में पंजीयन कराया था उन्हें बगुलामुखी मां पीतांबरा का दर्शन लाभ मिला, इस दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश के दौरान कोरोना संक्रमण की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन कराया गया।

इस दौरान कई श्रद्धालु एक बार फिर देवी मां से कोरोना वायरस जिसे चीनी वायरस भी कहा जाता है, से बचाव के लिए मदद मांगने पीतांबरा पीठ मंदिर पहुंचे।

वहीं सामने आ रही जानकारी के अनुसार पीतांबरा पीठ मंदिर में दर्शन के लिए 11 जून से दतिया से बाहर रहने वाले श्रद्धालुओं को अनुमति होगी, लेकिन उन्हें इससे पहले आॅन लाइन पंजीयन कराना होगा, जिसकी लिंक मंदिर व्यस्थापक 10 जून को उपलब्ध कराएंगे।

श्री पीतांम्बरा पीठ मंदिर के दर्शनार्थ पंजीयन के लिये लिंक जारी -
श्री पीतांम्बरा माई के दर्शन के लिये पीठ की लिंक www.shripitambarapeeth.org
इस लिंक से आप स्वयं अपने मोबाइल से ऑन लाइन पंजीयन करा सकते हैं, व्यवस्थापको के अनुसार यह लिंक 10 जून को प्रातः 8 बजे खुलेगी और दर्शनार्थी 11 जून से आगामी दिनांक के लिए अपना पंजीयन करा सकते हैं।

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चीन से 1962 युद्ध का नाता है इस मंदिर से...
पूरे देश में जहां आज कोरोना की दहशत है, वहीं इस वायरस के चीन से आने की बातें भी साफ तौर पर सामने आ रही है। इस वायरस ने आज न केवल पूरे देश में परेशानी खड़ी कर रखी है, बल्कि पूरी दुनिया की इसके चलते आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ा दी है।

वहीं आज से करीब 58 साल पहले 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के दौरान ऐसे समय में पीतांबरा पीठ दतिया के अधिष्ठाता श्रीस्वामीजी महाराज ने शत्रु सेना से देश की रक्षा के लिए पीठ पर गुप्त अनुष्ठान किया था जिसमें देवी धूमावती का आह्वान किया गया था।

टैंक पर सवार होकर निकली थीं देवी...
बताया जाता है कि दतिया के पीतांबरा पीठ मंदिर में हुए अनुष्ठान के 21 वें दिन देवी धूमावती अपने विशाल, अति भयंकर संहारक रूप में प्रकट हुईं और उन्होंने पीठ से सीधे युद्ध क्षेत्र की ओर कूच किया।

टैंक पर सवार होकर हाथ में हंटर लिए देवी ने युद्ध क्षेत्र में अति भयंकर गर्जना के साथ जैसे ही शत्रु सेना का संहार शुरू किया उसमें भगदड़ मच गई।

जो चीनी सैनिक जितनी तेजी से भारतीय सीमा में घुसे थे वे उतनी ही तेजी से वापस भागने लगे। शक्ति के इस चमत्कार के बाद आश्चर्यजनक रूप से चीन ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी थी।

यह अनुष्ठान भारत चीन के युद्ध को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मंदिर के महंतों से हवन कराया था। इसके बाद चीन ने अपनी सेना को वापस बुला लिया था। इसके प्रमाण मां पीताम्बरा मंदिर में देखने को भी मिलते हैं।

देवी धूमावती का किया था आह्वान...
बताया जाता है कि करीब 58 साल पहले 1962 की है जब भारत पर चीन की सेना ने आक्रमण किया था और उसकी सेना तेजी से भारतीय क्षेत्रों में प्रवेश करती जा रही थी।

ऐसे समय में पीतांबरा पीठ दतिया के अधिष्ठाता श्रीस्वामीजी महाराज ने शत्रु सेना से देश की रक्षा के लिए पीठ पर गुप्त अनुष्ठान किया था, जिसमें देवी धूमावती का आह्वान किया गया था।

वहीं इस बार फिर चीन की ओर से आए इस वायरस को लेकर लोगों में खौफ बना हुआ है। जबकि अब पीतांबरा मंदिर खुलने के बाद लोगों का यहां तक मानना है कि अब पुन: मंदिर खुल जाने से चीन के इस वायरस का जल्द ही अंत हो जाएगा।

पहले दिन ऐसे हुए दर्शन
इससे पहले 8 जून 2020 को मंदिर आए श्रृद्धालुओं को थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटराइज करने के अलावा सोशल डिस्टेंस का भी पालन कराया गया,और मास्क पहनकर ही श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश दिया गया। साथ ही मंदिर में फूल ले जाना मूर्ति या रेलिंग छूने पर प्रतिबंध था, पूरे मंदिर में सेवादार और पुलिस कर्मी इस पर निगरानी बनाए हुए थे।

पीतांम्बरा माई के दर्शन करने वाले भक्तों का कहना था, पूरे ढाई महीने बाद उन्हें पीतांबरा मां के दर्शन हुए हैं और दर्शन कर मन को काफी अच्छा लग रहा हैं।



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