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भारत-चीन तनाव के बीच क्या कह रही है ग्रहों की चाल?

भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में पिछले दिनों चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प ने क्षेत्र में तनाव गहरा दिया है। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि 21 जून को सूर्य ग्रहण मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र में लगा था, वहीं स्वतंत्र भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में मंगल युद्ध स्थान यानि सप्तम भाव व 12वें घर यानि गुप्त शत्रु का स्वामी होकर, धन स्थान यानि दूसरे घर में मिथुन राशि में बैठा है। ऐसे में वर्तमान में भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच यह सूर्य ग्रहण बेहद संवेदनशील रहा, जिसके आगामी कुछ दिनों में परिणाम सामने आ सकते हैं।

चीन की कुंडली...
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार पाप ग्रहों से पीड़ित बुध नवम भाव में हो और चतुर्थ भाव या उसका स्वामी पीड़ित हो तो कपट योग का निर्माण होता है। चीन की कुंडली 1 अक्टूबर 1949 के मकर लग्न की है, जहां बुध नवम भाव में पाप ग्रहों सूर्य और केतु से पीड़ित है। वहीं चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल नीच का होकर युद्ध स्थान यानि सप्तम भाव में चंद्रमा को पीड़ित कर संपूर्ण रूप से कपट योग का निर्माण कर रहा है। इस योग के साथ रहस्य स्थान यानी अष्टम भाव में पड़ा शनि चीन को धोखे और छल-कपट में निपुण बनाता है।

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लेकिन इस पूरी कुंडली में एक खास बात ये भी है कि जहां चीन की कुंडली में राशि मकर होने से इसका स्वामी शनि हो गया है, वहीं शनि ही इसके लिए मारकेश भी है। साथ ही इस समय शनि ही कई व्यवस्थाओं या अव्यवस्थाओं को संचालित करता दिख रहा है।

ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा के अनुसार चीन सितंबर 2019 से कपट योग में सम्मिलित बुध की विंशोत्तरी दशा में चल रहा है तो इस बात की प्रबल संभावना है कि इसी दशा में वह छल से कोई बड़ी सैन्य कार्यवाही कर सकता है। गोचर में शनि और गुरु मकर राशि में स्थित हैं।

1962 के युद्ध के समय भी इन दोनों ग्रहों की यही स्थिति थी। उस समय भी चीन ने मंगल-शनि की दशा में भारत पर धोखे से हमला किया था। चीन की कुंडली में चंद्रमा साढ़ेसाती से पीड़ित है और बुध कपट योग में फंसकर उसे स्वतः अपने विनाश की ओर ले जाता दिख रहा है।

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भारत की कुंडली: वहीं आजाद भारत की वृषभ लग्न की कुंडली में चल रही चंद्रमा में शनि की दशा भारत के लिए शुभ नहीं है। अंतर्दशानाथ शनि चंद्रमा से सप्तम भाव का स्वामी होकर शत्रु राशि कर्क में छठे घर के स्वामी शुक्र के साथ युत है और इस समय भी 1962 की तरह मकर में गोचर कर रहे हैं।

शनि और गुरु चंद्रमा से सप्तम भाव में होकर युद्ध का योग बना रहे हैं। वहीं 21 जून को पड़े सूर्यग्रहण ने कुंडली के ऐसे कुछ खास स्थानों को पीड़ित कर युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं से जन-धन की हानि का योग बनाया है। वहीं 5 जुलाई 2020 का चंद्र ग्रहण एक बार फिर तनाव में तेजी ला सकता है।

पंडित शर्मा के अनुसार ऐसे में यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि 1961-1962 में जब गुरु-शनि एक साथ मकर राशि में थे, तो चीन से भारत का युद्ध हुआ था। मकर राशि भारत की कुंडली में नवम भाव की राशि है और नवम भाव से गुरु-शनि तीसरे भाव को पीड़ित कर युद्ध की स्थिति एक बार फिर से बना सकते हैं। ऐसे में ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि 2020 से 2022 के मध्य तक चीन और पाकिस्तान से भारत को सावधान रहना होगा।

Inside story of india china border and pakistan with astrological effects

भारत,पाकिस्तान व चीन : सरल अर्थों में ऐसे समझें...
पं. शर्मा के अनुसार यदि तीनों देशों की कुंडली को देखा जाए तो ये साफ हो जाता है कि इस पूरे तनाव के लिए मुख्य रुप से उत्तरदायी शनि है।

ऐसे में जहां स्वतंत्र भारत की कुंडली के अनुसार इसकी राशि कर्क है, जिसका राशि स्वामी चंद्र है। वहीं चीन की कुंडली के अनुसार उसकी राशि मकर है, जिसका राशि स्वामी शनि है। यहां पहले ही समझ लें कि चंद्र व शनि आपस में मित्र न होकर शत्रु की स्थिति में है, यहां तक की चंद्र और शनि साथ आ जाए तो वे विष योग का निर्माण कर देते हैं।

वहीं चूकिं इस तनाव में लगातार पाकिस्तान भी कुछ हद तक उछलता हुआ दिख रहा है, तो ये साफ समझ लें कि यदि भारत चीन में युद्ध होता है तो पाकिस्तान भी भारत के विरुद्ध उतरेगा।

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पाकिस्तान की कुंडली : वहीं जहां तक पाकिस्तान की कुंडली की बात करें तो पाकिस्तान की कुंडली के अनुसार उसकी राशि मिथुन है, जिसका राशि स्वामी बुध है। यहां ये जान लें कि बुध को ज्योतिष में एक नपुंसक ग्रह भी माना जाता है, बुध के संबंध में अवधारणा है कि ये जिन ग्रहों की दृष्टि में रहता है, वैसा ही व्यवहार करता है।

उसी प्रकार पाकिस्तान भी जिन देशों की दृष्टि यानि जिनसे लाभ पाता है उनके समर्थन में रहता है और जैसे ही कोई दूसरा उसे प्रभावित करता है, वह उस नए देश के अनुसार व्यवहार करने लगता है। पाकिस्तान पर इसका सीधा उदाहरण पहले अमेरिका और अब चीन के सहयोग में होने को देखकर समझा जा सकता है।

युद्ध का गणित तो है, चाहे कुछ समय आगे पीछे हो...
ज्योतिष के जानकार सुनील शर्मा के अनुसार वर्तमान में ग्रहों की दशाएं युद्ध की ओर इशारा तो कर रही हैं, लेकिन मुमकिन है ये कुछ दिन और देर से शुरु हो। युद्ध की स्थिति ग्रहों की दशाएं चीन और पाकिस्तान के एक साथ भारत से युद्ध की संभावनाओं की दर्शा रही हैं।

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ऐसी स्थिति में भारत के ग्रह ये संकेत करते दिख रहे हैं कि शुरुआत में भारत चीन की सीमाओं में घुस कर अटैक करने की बजाय पहले पाकिस्तान को सबक सिखाएगा। वहीं इस दौरान चीन तेजी से आगे बढ़ने की कोशिश के बावजूद कुछ जगह ही आगे बढ़ सकेगा, जबकि अधिकांश भारत-चीन सीमाओं पर भारत की ही जीत होगी, लेकिन चीन किसी तरह की चाल या कपट से भारत की भूमि पर एक निश्चित स्थान पर आ सकता है।

वहीं पाकिस्तान को नेस्तनाबूत करने के बाद, जबकि इस दौरान कुछ देशों के सामने आ जाने के बाद पाकिस्तान सिरेंडर कर देने की स्थिति में होगा। एक बार फिर भारत पूरी तरह से चीन पर टूट पड़ेगा। वहीं इसके बाद भारतीय सेना के हमले के साथ ही कुछ ग्रहों की भी चाल एक नई स्थिति चीन के सामने पैदा कर देंगी और उसे वापस भागना पड़ेगा।



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