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कोरोना ने बदला वर्क कल्चर, गॉसिपिंग बंद, बढ़ी काम की रफ्तार

कोरोनाकाल में ऑफिस का वर्क कल्चर पूरी तरह बदला-बदला नजर आ रहा है। जो लोग ज्यादा बात के लिए जाने जाते थे, वे अपनी सीट तक ही सीमित हो गए हैं। एक-दूसरे सहकर्मियों से पहले जितनी बातें भी बंद हैं।

कर्मचारी एक तय समय पर ही ऑफिस आते हैं, अपना काम करते हैं और निकल जाते हैं। कैंटिन की जगह अपनी टेबिल पर ही खाना खाते हैं, पानी भी घर से ही लाते हैं। कामकाज के लिए हमेशा फोन का इस्तेमाल करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि लोग न्यू नॉर्मल में ढलने लगे हैं। जानिए कोरोना काल में वर्कप्लेस के अनुभव-

गाइडलाइंस का ध्यान
अधिशासी अभियंता जगदीश प्रसाद मीणा बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद ऑफिस में सभी एम्प्लॉइज गवर्नमेंट की ओर से जारी सिक्योरिटी मेजर्स को फॉलो कर रहे हैं। इसके अलावा ज्यादातर लोगों ने इंटरेक्शन कम कर दिया है।

एंट्री पर थर्मल स्क्रीनिंग
सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर अदिति खंडेलवाल बताती हैं कि एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स में नियमों को पूरी तरह से फॉलो कर रहे हैं। किसी भी स्टॉफ के ऑफिस प्रिमाइसेस में घुसने से पहले गार्ड की ओर से थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।

डर कम करने के लिए सेशन
लाइफ कोच एंड ट्रेनर मेधा चतुर्वेदी बताती हैं कि ओवर कम यॉर फियर एंड फीयर इज ऑसम नाम के सेशन कर रही हूं। इसमें डर को कम करने की टेक्निक बताई जा रही है।



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