America में हालात बेकाबू देख Donald Trump ने सेना को उतारने का लिया फैसला, कहा- हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे

वॉशिंगटन। अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से अमरीका के कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। हिंसा की लपटें राजधानी वॉशिंगटन डीसी और वाइट हाउस (Riots near White House) तक पहुंच चुकी हैं। हालात नियंत्रण से बाहर होते देख अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump on US Riots) ने सेना (US Military) को उतारने का फैसला लिया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा 'जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या से सभी अमरीकियों में शोक की लहर है। उनके मन में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जॉर्ज और उनके परिवार को इंसाफ दिलाने में वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्हें पूरा न्याय मिलेगा। मगर देश के राष्ट्रपति होने के नाते मेरी पहली प्राथमिकता इस महान देश और इसके नागरिकों के हितों की रक्षा करना है।'

हजारों की संख्या में सेना के जवानों को उतारने का फैसला

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा 'उन्होंने इस देश के कानून को सर्वोपरि रखने की शपथ ली थी और अब बिल्कुल वही करूंगा। उन्होंने कहा कि रविवार रात को वॉशिंगटन डीसी में जो कुछ हुआ वह बेहद गलत है। वे हथियारों से लैस सेना को इस काम का जिम्मा दे रहे हैं। इनका काम दंगा, आगजनी, लूट और मासूम लोगों पर हो रहे हमले पर रोक लगाना है।'

ट्रंप ने राज्यों को दिया संदेश

ट्रंप ने राज्यों को साफ हिदायत दी कि वे अपनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर मुमकिन कोशिश करें। उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य इससे इनकार करता है तो वे यहां पर फौज को तैनात कर देंगे ताकि उनका काम आसान हो जाए। ट्रंप का कहना है कि जार्ज की मौत से लोग बेहद दुखी हैं। मगर इस दौरान हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने वाले लोगों को नजरअंदाज नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि हिंसा का सबसे अधिक शिकार शांतिप्रिय लोग बने हैं।

यह है पूरा मामला

दरअसल बीते 25 मई को एक अश्वेत अमेरिकन जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस ने हिरासत में लिया था। एक वीडियो में देखा गया कि पुलिसकर्मी करीब 8 मिनट तक जॉर्ज के गले पर घुटना रखे दिखाई दिया। इस दौरान जार्ज यह कहते हुए बेहोश हो गए कि 'मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं' लेकिन आरोपी पुलिस ऑफिसर डेरेक चाउविन को उनक पर बिल्कुल दया नहीं आई।

जार्ज की मौत के बाद लोग पुलिस के इस रंगभेदी अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे। इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। कई जगह हिंसा, आगजनी, दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की घटनाएं हुईं। ये विरोध प्रदर्शन वाइट हाउस तक पहुंच गया। ऐसे में इसकी सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात करना पड़ा।



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