Pakistan ने टिड्डों के हमले से बचने के लिए अपनाया ये रास्ता, किसान हो रहे मालामाल

पंजाब। पाकिस्तान (Pakistan) के कई प्रांतों में टिड्डे (locusts) फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मगर यहां के किसानों ने इसका हल ढूंढ़ निकाला है। पाक के ओकारा जिले में किसानों को इसका इलाज मिल गया है। किसान अब इन टिड्डों को पकड़ रहे हैं और इनका चारा तैयार कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल ये जानवरों को खिलाने के लिए कर रहे हैं। जानवरों का खाना तैयार करने वाली मिलों में इन टिड्डों को मुर्गी के खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है।
हर रात होती है कमाई
पाकिस्तान में बीते कई हफ्तों से ये टिड्डे फसलों को चट कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए पाकिस्तान की एग्रीकल्चरल रीसर्च काउंसिल के बायोटेक्नोलॉजिस्ट जौहर अली के अनुसान भुखमरी से बचने के लिए इससे बेहतर कोई इलाज संभव नहीं था। यमन में 2019 में इस तरह के आइडिया का इस्तेमाल किया गया था। किसानों को इन टिड्डों को पकड़ने के लिए कहा गया। इसके बाद इनसे 20 रुपये किलो के हिसाब से टिड्डे खरीदे गए। हर रात 7 टन टिड्डे पकड़े गए। इससे किसानों को हर रात 20 हजार पाकिस्तानी रुपये की कमाई हुई।
सोयाबीन से ज्यादा प्रोटीन
दरअसल टिड्डो से बने दानों की न्यूट्रिशनल वैल्यू काफी अच्छी होती है। इसे चिकन को दिया जाता है। इसके साथ मच्छी, पोल्ट्री और डेरी को दिया जा सकता है। अभी प्रोटीन के लिए सोयाबीन (Soyabeen) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें 45 प्रतिशत प्रोटीन होता है। वहीं टिड्डों में ये 70 प्रतिशत तक होता है। इन्हें खाने के लिए तैयार करने में भी ज्यादा वक्त और खर्च नहीं आता है। इन्हें पकड़कर सुखाना होता है।
अर्थव्यवस्था खस्ताहाल
कई विशेषज्ञों का कहना है कि अब तक टिड्डों ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। इनसे निपटने के लिए पहले कोई ठोस उपाय नहीं था। सिंध आबादगर बोर्ड के वाइस प्रेजिडेंट महमूद नवाज शाह ने इसे लेकर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मई 2019 के बाद से इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। इससे पाकिस्तान में खाने की कमी हो सकती है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही बुरे हालात से गुजर रही है। यहां कोरोना वायरस की वजह से हालात और खस्ता हो गई है।
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