पुणे में फंसे विदेशी छात्र, मदद में जुटा पुणे का इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) संकट के बीच अपने छात्रों को बाहर निकालने के हफ्तों के प्रयासों में जुटे पुणे ( Pune )के पास स्थित पौड के महिंद्रा यूनाइटेड वर्ल्ड कॉलेज ऑफ इंडिया ( Mahindra United world collge of India ) के अधिकारी अभी भी कैंपस में पांच छात्रों ( Foriegn Student ) की देखभाल कर रहे हैं। ये वो छात्र हैं जो अपने देश में टकराव के चलते अब तक घर वापसी नहीं कर पाए हैं।

भारत सरकार को कोविद -19 के बढ़ते मामलों के कारण देशव्यापी तालाबंदी लागू करने से पहले ही, पुणे के पास यह आवासीय जूनियर कॉलेज दैनिक कक्षाओं को रोकने और अपने 240 उच्च विद्यालय के छात्रों को भेजने का एक तरीका खोज रहा था, जो 80 देशों में आते हैं।

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ये छात्र उन देशों के हैं जहां लॉकडाउन के बीच गंभीर संघर्ष चल रहा है। ऐसे में मौजूदा समय में इन छात्रों को भेजने का कोई रास्ता नहीं है। संस्थान के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुछ शेष छात्र सीरिया, यमन, इराक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रूस से हैं। ।

जबकि संस्थान के कई शिक्षकों को भी देश से निकाला जाना था, लेकिन कुछ लोगों ने परिसर में वापस रहने का फैसला किया।
कॉलेज के स्टूडेंट लाइफ की प्रमुख अपर्णा रामचंद्रन का कहना है कि हम उन्हें अकेले नहीं रहने दे सकते इसलिए, जब वे परिसर में हैं, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन्हें स्कूल के काम और कई ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में व्यस्त रखा जाए। ”

शनिवार को इन छात्रों को परिसर में रहते हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है।
वहीं एक छठा छात्र मालदीव से है और दूतावास ने इस नागरिक को बाहर निकालने के लिए एक उड़ान की व्यवस्था की। इस छात्र को सड़क के रास्ते पहले दिल्ली भेजा गया फिर वहीं से सोमवार सुबह विमान ने मालदीव के लिए उड़ान भरी।

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अपर्णा रामचंद्रन ने बताया कि यह सब जनवरी में शुरू हुआ जब हमारे कैंपस के कुछ बच्चों को वायरस के कारण वापस चीन की अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। कुछ हफ्ते के अंदर, हमें एहसास हुआ कि वायरस सिर्फ चीन नहीं बल्कि दुनिया भर के कई अन्य देशों को प्रभावित कर रहा था और हमने तुरंत एक योजना तैयार करना शुरू कर दिया।



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