ट्रेन नहीं पहली बार फ्लाइट से लाए गए प्रवासी मजदूर, झारखंड सरकार ने मांगी थी केंद्र से मंजूरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देशभर में पिछले दो महीने से लॉकडाउन (Lockdown) है। इसकी वजह से कई श्रमिक दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। उनकी घर वापसी के लिए सरकार की ओर श्रमिक स्पेशल एवं अन्य विशेष ट्रेनें (Special Trains) चलाई गईं, लेकिन पहली बार 180 प्रवासी श्रमिकों को घर लाने के लिए फ्लाइट भेजा गया। दरअसल ये श्रमिक (Laborers) झारखंड के थे जो मुंबई में फंसे हुए थे। उन्हें आज एयर एशिया की फ्लाइट (Flight) से सुबह 8:15 बजे रांची लाया गया। मजदूरों को प्लेन से घर वापस लाने के लिए झारखंड सरकार ने केंद्र से अनुमति ली थी।

श्रमिकों की घर वापसी में झारखंड सरकार की मदद के लिए एलुमनाई नेटवर्क ऑफ नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु भी आगे आए थे। ऐसे में सीएम हेमंत सोरेन ने उनके प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता में मजदूरों की सकुशल घर वापसी कराना है।

दूसरी जगह फंसे श्रमिकों को भी लाएंगे घर
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि सरकार जल्द ही लद्दाख और अंडमान निकोबार में फंसे मजदूरों को भी घर वापस लाएगी। उनके लिए भी फ्लाइट्स भेजे जाएंगे, इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।

केंद्र ने दी थी अनुमति
मुंबई में फंसे झारखंड के श्रमिकों को वापस लाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी। केन्द्र ने हवाई जहाज से मजदूरों को लाने की स्वीकृति दी थी। इसी के बाद 180 मजदूरों को एयर एशिया के विमान से रांची लाया गया।

रोजगार की होगी व्यवस्था
राज्य के श्रममंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि अबतक दो लाख प्रवासी झारखंड आ चुके हैं। जो भी मजदूर यहां आ रहे हैं, उन्हें सरकार की ओर से रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं।



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