2020-21: पढ़ाई में दिखेंगे नए बदलाव, स्कूल कॉलेजों में आएंगे ये चेंज

सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सहित देश के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में कई बदलाव दिखेंगे। पढ़ाई के अलावा इन्हें कामकाज का तरीका भी बदलना पड़ेगा। इनमें प्रार्थना सभा/ एसेम्बली पर रोक, ऑन-ईवन फॉर्मूले से बच्चों की पढ़ाई जैसे कदम उठाने पड़ सकते हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और परीक्षाएं ठप्प हैं। कहीं जून तो कहीं जुलाई में प्रवेश/ वार्षिक परीक्षाएं होनी है। सत्र 2020-21 में शैक्षणिक संस्थानों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ेगी।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की दसवीं, बारहवीं, देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों की सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षाएं फिलहाल स्थगित की गई हैं। नेट-जेआरएफ, नीट, इग्नू की पीएचडी, सीए-सीएस, जेईई मेन, जेईई एडवांस और अन्य प्रायोगिक परीक्षाएं जुलाई-अगस्त में होंगी। इन परीक्षाओं से ही बदलाव की शुरुआत हो जाएगी।
सत्र अगस्त या सितंबर से
यूजीसी द्वारा गठित प्रो. आर.सी. कुहाड़ कमेटी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में जुलाई के बजाय सितम्बर में सत्र 2020-21 शुरू करने की सिफारिश की है। वर्तमान की स्नातक तक और स्नातकोत्तर परीक्षा में देरी के कारण यह सुझाव दिया गया है।
करने पड़ेंगे संस्थानों को यह अहम काम
- सभी कक्षाओं वर्ग में विद्यार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग
- स्कूल बस, टेम्पो, वैन में सोशल डिस्टेंसिंग
- विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाई जाएं ऑड-ईवन फॉर्मूले पर
- कुछ माह तक सुबह की प्रार्थना सभा-एसेम्बली पर रोक
- सांस्कृतिक कार्यक्रम-वार्षिकोत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग
- परिसर में सेनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था
- ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पर देना पड़ेगा ज्यादा जोर
- मेडिकल किट और थर्मल स्कैनर का इंतजाम
प्रमुख कोर्स की सीटें
- इंजीनियरिंग - 27 लाख (आईआईटी, एनआईटी, राज्यों के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा कोर्सेज)
- मेडिकल - 1.5 लाख, डेंटल - 1 लाख
- मैनेजमेंट -92,928 (आईआईएम और राज्यों के मैनेजमेंट कॉलेज)
- लॉ - 5 लाख 20 हजार (एनएलयू, केन्द्रीय/ राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय और कॉलेज)
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