कालाष्टमी व्रत : इस छोटी सी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं भैरव बाबा

भगवान शिव के अंश बाबा कालभैरव की पूजा आराधना करने का विशेष दिन मानी जाती है कालाष्मटमी तिथि। शास्त्रोंक्त विधान है कि कालाष्टमी तिथि को सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय भगवान कालभैरव की विधिवत पूजा अर्चना करने से प्रसन्न होकर जीवन में सुख समृद्धि के साथ सभी मनोकामना पूरी कर देते हैं, भैरव बाबा। फाल्गुन मास (फरवरी) में 15 फरवरी को हैं कालाष्टमी तिथि। जानें कालाष्टमी तिथि के दिन कौन सी छोटी सी पूजा कर बाबा कालभैरव को प्रसन्न कर उनकी कृपा के अधिकारी बन सकते हैं।

जानकी जयंती (सीताष्टमी) : व्रत पूजा विधि व महत्व 16 फरवरी 2020

प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव के अंश अवतार बाबा कालभैरव की पूजा करने का विधान है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, इसी दिन बाबा कालभैरव की उत्पत्ति हुई थी। कुछ श्रद्धालु कालाष्टमी के दिन विशेष रूप से शत्रुओं का संहार करने वाली माँ दुर्गा की पूजा आराधना भी करते हैं।

Holi Festival 2020 : ये हैं होली पर्व के साथ मनाएं जाने वाले 3 बड़े त्यौहार

ऐसे करें कालाष्टमी पूजा

नारद पुराण में कहा गया है कि कालाष्टमी के दिन कालभैरव और मां दुर्गा की पूजा करने वाले के जीवन के सभी कष्ट दूर होकर हर मनोकामना पूरी हो जाती है। अगर इस रात को देवी महाकाली की विधिवत पूजा व मंत्रो का जप अर्ध रात्रि में करना चाहिए। पूजा करने से पूर्व रात को माता पार्वती और भगवान शिव की कथा पढ़ना या सुनना चाहिए। इस दिन व्रती को फलाहार ही करना चाहिए एवं कालभैरव की सवारी कुत्ते को कहा जाता है इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन जरूर करना चाहिए।

केवल एक बार करके देख लें ये टोटटा, धनवान बनने से नहीं रोक पाएगा कोई

कालाष्टमी के दिन अपनी मनोकामना पूर्ति की कामना से इस भैरव मंत्र का जप सुबह शाम 108 करें।

कालभैरव मंत्र

।। ऊँ अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्।
भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि।।

************

कालाष्टमी व्रत : इस छोटी सी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं भैरव बाबा

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.