स्वीडन की किशोरी ग्रेटा दूसरी बार नोबेल पीस प्राइज के लिए नामित

कॉपेनहेगन। स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को लगातार दूसरे साल नोबेल पीस पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। स्वीडन की लेफ्ट पार्टी के जेन्स होम और हाकन स्वेनेलिंग ने सोमवार को ग्रेटा के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित करने की वकालत की है। उन्होंने जलवायु संकट पर वर्ल्ड लीडर्स का ध्यान खींचने के लिए कड़ी मेहनत की है। सांसदों ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती और पेरिस समझौते के अनुपालन के लिए काम करना शांति के लिए काम करना है।

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गौरतलब है कि स्वीडन की 17 साल की एक्टिविस्ट पर दुनियाभर की नजर उस वक्त गई थी,जब स्वीडन में क्लाइमेट चेंज को लेकर उन्होंने बच्चों से स्कूल छोड़कर प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्यक्रम में विश्व शक्तियों के जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर उनका जोरदार भाषण भी चर्चा में रहा था। उन्होंने बिना डरे कई नेताओं पर आरोप लगाए थे कि उनके हमारा भविष्य खराब हो रहा है।

ग्रेटा का 'हाऊ डेयर यू' बयान काफी चर्चा में रहा था। कोई भी सांसद किसी को भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित कर सकता है और नॉर्वे की संसद के तीन सदस्यों ने बीते वर्ष थनबर्ग को नामांकित किया था। मगर यह पुरस्कार इथोपिया के पीएम अबी अहमद को मिला था। उन्हें टाइम मैगजीन ने 2019 में 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना था, जिसपर उनकी खिंचाई करते हुए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ग्रेटा को अपने गुस्से पर काबू करने की जरूरत है। हालांकि, दावोस में विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे ट्रंप ने माना था कि उन्हें ग्रेटा से मिलने में खुशी होगी।



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