हाफिज सईद को मिली टेरर फंडिंग के दो मामलों में 11 साल की सजा, FATF से खौफजदा पाकिस्तान

लाहौर। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force) की ग्रे सूची (Grey List) में मौजूद पाकिस्तान को अब डर लगने लगा है। इसकी वजह से ही अब पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। पाकिस्तान में लाहौर की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने बुधवार को आतंकवादी सरगना हाफिज सईद को आतंक वित्तपोषण के मामले में सजा सुनाई। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, सईद को दो मामलों में साढ़े पांच साल-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है।
लाहौर की आतंकविरोधी कोर्ट ने क्या दी है सजा?
कहा जा रहा है कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इस तरह उसे कुल मिलाकर ग्यारह साल कैद की सजा मिली है लेकिन चूंकि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी, इस वजह से यह वास्तविक रूप से साढ़े पांच साल की ही होगी। इसके अलावा उसे दोनों मामलों में पंद्रह-पंद्रह हजार, कुल मिलाकर तीस हजार पाकिस्तानी रुपये जुर्माना भी देना होगा। हाफिज सईद के अलावा दो अन्य आतंकियों को भी इतनी ही सजा सुनाई गई है।
छह फरवरी को सुरक्षित रख लिया था फैसला
अदालत ने सईद के खिलाफ आतंक वित्तपोषण के दोनों मामलों में फैसला छह फरवरी को सुरक्षित रख लिया था। उस पर यह मुकदमे पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग द्वारा लाहौर और गुजरांवाला में दायर किए गए थे। उसे बीते साल 17 जुलाई को गुजरांवाला से गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह जेल में है। यहां बताते चलें कि प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा का सरगना हाफिज सईद मुंबई पर हुए आतंकी हमले का भी आरोपी है।
कुल 23 गवाहों के बयान हुए थे दर्ज
लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत में दोनों मामलों की सुनवाई के दौरान कुल 23 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। आतंकवाद रोधी विभाग ने सईद और कुछ अन्य पर आरोप लगाया था कि इन्होंने अल अनफाल ट्रस्ट, दावतुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबल ट्रस्ट व कुछ अन्य धर्मार्थ संगठनों की आड़ में अपने संगठन जमात उद दावा के लिए कोष इकट्ठा किया और इसका इस्तेमाल आतंक वित्तपोषण के लिए किया।
पाकिस्तान पर FATF जल्द सुनाएगा फैसला
सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि ये फैसला एक ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिनों में इस बात पर फैसला होने वाला है कि पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से निकाल कर वाइट लिस्ट में डाल दिया जाए या फिर ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। FATF ने धनशोधन (Money Laundering) और आतंक वित्तपोषण (Terror Funding) पर लगाम लगाने के लिए पाकिस्तान को एक कार्ययोजना पर अमल करने को कहा है। इस पर कितना अमल हुआ है, इसी पर पाकिस्तान का FATF की किसी विशिष्ट लिस्ट में होना या न होना निर्भर करेगा।
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