सियाचीन पर झंडा फहराने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून नहीं रहे, आॅपरेशन मेघदूत को दिया था अंजाम

नई दिल्ली। ऑपरेशन मेघदूत की अगुवाई कर देश सुरक्षा को लेकर एेतिहासिक मुकाम हासिल लक्ष्य हासिल करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का निधन हो गया। उनका निधन सोमवार शाम को 91 वर्ष की उम्र में चंडीगढ़ में हुआ। पीएन हून के नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन पर तिरंगा फहराया था।
लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का जन्म पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था। लेकिन बंटवारे के समय उनका परिवार भारत आ गया। 1987 में वे पश्चिमी कमान के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए। इसके बाद 2013 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी।
क्या है ऑपरेशन मेघदूत
बता दें कि 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना ने सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया था। इस आॅपरेशन की खास बात ये थी कि बर्फ में पहने जाने वाले कपड़े और साजो सामान सेना के पास 12 अप्रैल की रात को ही पहुंचे थे। दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान-ए-जंग में सीधे टकराव की यह एक तरह से पहली घटना थी। इसे ऑपरेशन मेघदूत नाम दिया गया। इसने भारत की सामरिक आैर रणनीतिक जीत की नींव रखी थी।
सियाचिन की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि भारत की तरफ से सियाचिन की खड़ी चढ़ाई है। इसीलिए ऑपरेशन मेघदूत को काफी मुश्किल माना गया था। जबकि पाकिस्तान की तरफ से ये ऊंचाई काफी कम है। इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मात दी। इसीलिए दुनियाभर की जो सफल लड़ाइयां हुई हैं उनमें ऑपरेशन मेघदूत का नाम भी आता है। ये अपनी तरह का एक अलग ही युद्ध था जिसमें भारतीय सैनिकों ने माइनस 60 से माइनस 70 डिग्री के तापमान में सबसे ऊंची पहाड़ियों पर जाकर फतह हासिल की थी। पाकिस्तान के लिए ये हार काफी शर्मनाक थी।
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