दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या पर संसदीय स्थाई समिति की बैठक आज

देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण से लोग चिंतित हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है। अदालत ने केंद्र सरकार को इस समस्या का समाधान खोजने का निर्देश दिया था। इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की संसदीय स्थाई समिति दो बार बैठक कर चुकी है। आज इस मामले पर तीसरी बैठक होने वाली है। इस बार स्थाई समिति ने बैठक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक समेत कई और विशेषज्ञों को बुलाया है, जो स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभावों का ब्योरा समिति के सामने पेश करेंगे। इससे पहले 15 और 20 नवंबर को स्थाई समिति की बैठक हुई थी।

स्थगित करनी पड़ी थी बैठक

बता दें, 15 नवंबर को संसदीय कमेटी की पहली बैठक को अचानक स्‍थगित कर दिया गया था। इस बैठक में सांसद और अधिकारी नहीं पहुंचे थे। संसदीय समिति के 29 सांसद सदस्य हैं लेकिन बैठक के लिए सिर्फ चार सांसद ही पहुंचे थे। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली नगर निगम के तीनों कमिश्नर, डीडीए के वाइस चेयरमैन और पर्यावरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी इस बैठक में नहीं पहुंचे थे। इसके बाद शहरी विकास मंत्रालय की कमेटी ने अधिकारियों के इस रवैये पर नाराजगी भी जताई थी।

प्रदूषण पर होगी चर्चा

आज होने वाली बैठक में दिल्ली-एनसीआर में फैल रहे प्रदूषण के बारे में चर्चा होगी। दिल्ली में वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या, निर्माण कार्यों के कारण उड़ने वाली धूल, कूड़ा निस्तारण की समस्या, फैक्ट्रियों का धुआं आदि कारणों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। बैठक में ऐसे उपायों पर भी चर्चा होगी, जिससे यहां रहने वाले लोगों को समस्या से स्थाई हल मिल सके।

प्रदूषण से कम हो रही उम्र

विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र कम हो रही है, जो चिंता का विषय है। दिल्ली में बढ़ते वाहनों की संख्या, गंदगी, धूल, उचित सफाई का अभाव, कूड़ा निस्तारण और औद्योगिक गतिविधियों के चलते प्रदूषण का स्तर घातक हो चुका है। जबकि दिल्ली के नेता और अधिकारी यहां पर प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को बता रहे हैं।

सारे उपाय नाकाम

बता दें, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से निपटने के सारे के सारे उपाय नाकाम साबित हो रहे हैं। प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन स्कील लागू की, दिल्ली से होकर आने-जाने वाले भारी वाहनों के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल सड़कें बनाई गईं। इसके बावजूद प्रदूषण की समस्या जस की तस है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal
Read The Rest:patrika...

No comments

Powered by Blogger.