महाराष्ट्र: कमरा नबंर 602 में नहीं बैठना चाहते हैं डिप्टी CM अजित पवार, वजह है बेहद खतरनाक!

नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) में नये सरकार गठन हो चुका है। NCP नेता अजित पवार ( Ajit Pawar ) दोबारा प्रदेश के डिप्टी सीएम ( deputy CM ) बन चुके हैं। वहीं, अब सभी मंत्रियों को बैठने के लिए अपना-अपना कमरा मिल चुका है। डिप्टी सीएम अजित पवार को मंत्रालय भवन की 6वीं मंजिल पर मुख्यमंत्री कार्यालय के ठीक सामने वाले कमरे 602 नंबर दिया गया है। लेकिन, उन्होंने उस कमरे में बैठने से इनकार कर दिया है।
आपको यह बात सुनकल भले ही अजीब लगा रहा हो, लेकिन यह सच है। अजित पवार कमरा नंबर 602 को अपना दफ्तर नहीं बनाना चाहते। इतना ही नहीं उन्होंने 6वीं मंजिल पर ही एक दूसरे विशेष कमरे में अपना दफ्तर बनाने का फैसला किया है। दरअसल, कमरा नंबर 602 सीएम के दफ्तर के ठीक सामने है। यह करीब 3000 स्क्वायर फीट में फैला है और केबिन भी काफी बड़ा है। इसमें एक बड़ा कॉन्फ्रेंस रूम है और साथ में ऑफिस केबिन के लिए भी पर्याप्त जगह है। लेकिन, इस कमरे का ऐसा डर है कि अजित पवार ने बैठने से साफ इनकार कर दिया है। कहा जा रहा है कि कमरा नंबर 602 की जगह अब अजित पवार मुख्य सचिव के लिए बने उसी मंजिल के एक छोटे से केबिन में जाने को तैयार हैं।
जानिए, क्या कमरे नंबर 602 की कहानी?
दरअसल, 2014 में बीजेपी नेता एकनाथ खड़से ने कृषि मंत्रालय, रेवेन्यू और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभाला तो वे कमरा नंबर 602 में शिफ्ट हुए थे। पार्टी और कैबिनेट में उनकी वरिष्ठता के आधार पर उन्हें यह विशेष केबिन दिया गया था। लेकिन, दो साल बाद ही भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को जमीन घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण इस्तीफा देना पड़ा। यही कमरा बीजेपी नेता पांडुरंग फुंदकर को भी मिला था, जब वे कृषि मंत्री बने थे। लेकिन, मई 2018 में हार्ट अटैक के चलते उनका देहांत हो गया। इस साल कैबिनेट के विस्तार के समय अनिल बोंडे को कृषि मंत्रालय का चार्ज मिला तो उन्हें भी यही कमरा अलॉट हुआ और इस चुनाव में वे अपनी विधायकी गंवा बैठे। लिहाजा, अजित पवार ने कहा कि दूसरा कमरा मुख्यमंत्री कार्यालय के पास है और वो वहां रहकर अपना काम करेंगे।
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