विनायकी चतुर्थी व्रत, इस दिन गणेश जी को जरुर चढ़ायें ये चीज, खुल जायेगा भाग्य

30 नवंबर, शनिवार के दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत रखा जायेगा। विनायकी चतुर्थी का व्रत करने से जातक की सभी मनोकामनाये जल्द पूरी होती है और लगातार सफलता मिलती है। मार्गशीर्ष मास में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन महिलायें विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करते हैं और श्रद्धा से भगवान से गणेश जी से अपनी मनोकामना पूर्ती का आशीर्वाद मांगते हैं।

 

विनायकी चतुर्थी व्रत, इस दिन गणेश जी को जरुर चढ़ायें ये चीज, खुल जायेगा भाग्य

विनायक चतुर्थी व्रत विधि

विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के विनायक स्वरुप की पूजा होती है। व्रतियों को सुबह स्नान करके जल्दी उठकर गणेश जी का पूजान करना चाहिये और संभव होतो लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिये।

भगवान को प्रणाम करें और उनके व्रत एवम् पूजा का संकल्प करें। इसके बाद दोपहर पूजन करें और सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश जी प्रतिमा स्थापित करें।

इसके बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। आरती के बाद गणपति की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। फिर 'ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करते हुए 21 दूर्वा दल अर्पित करें। अंत में गणेश जी को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इन्हीं में से 5 लड्डू ब्राह्मण को दान दें और 5 श्री गणेश के चरणों में रखें। वाकी लड्डू सभी लोगों में बांट दें।

 

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विनायकी चतुर्थी का महत्व

विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान से अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति के आशीर्वाद को वरद कहते हैं। जो श्रद्धालु विनायक चतुर्थी का उपवास करते हैं भगवान गणेश उसे ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं। ज्ञान और धैर्य दो ऐसे नैतिक गुण है जिसका महत्व सदियों से मनुष्य को ज्ञात है। जिस मनुष्य के पास यह गुण हैं वह जीवन में काफी उन्नति करता है और मनवान्छित फल प्राप्त करता है।



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