संविधान दिवस आज, एक नजर में जानिएं क्या है इसकी खासियत?
नई दिल्ली। भारत आज 70वां संविधान दिवस मनाने जा रहा है। 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को औ पचारिक रूप से स्वीकार किया गया था। जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसलिए हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। लेकिन भारत सरकार ने पहली बार 2015 में "संविधान दिवस मनाने का फैसला किया।
इस खास दिन डॉ.भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है। बाबा साहेब अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे संविधान का फाइनल ड्राफ्ट 2 साल 11 महीने और 17 दिन में तैयार हुआ था। बाबा साहब ने फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया था। संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखकर कैलिग्राफ किया था इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग नहीं थी।
भारतीय संविधान की मुख्य बातें
-यह लिखित और व्यापक
-हमारा संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान
-संविधान हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखा गया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग नहीं थी
- संविधान में नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान किया गया
- भारतीय संविधान लचीला और गैर लचीला
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता, यात्रा, रहने, भाषण, धर्म, शिक्षा आदि की स्वतंत्रता,
- राष्ट्रीय स्तर पर जाति व्यवस्था का उन्मूलन
- समान नागरिक संहिता और आधिकारिक भाषाएं
- भारतीय संविधान अधिनियम में आने के बाद, भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला
- दुनिया भर में विभिन्न देशों ने भारतीय संविधान को सराहा और अपनाया
कैसे तैयार हुआ भारत का संविधान?
1947 में देश आजाद होने के बाद संविधान निर्माण की बात जोरों पर चल रही थी। जिसके बाद संविधान सभा का गठन हुआ। 9 दिसंबर 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान सभा की पहली बैठक हुई। उस दिन 207 सदस्य ही बैठक में शामि हुए थे। पहले संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, लेकिन देश बंटवारे के बाद सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गई थी।
29 अगस्त 1947 को संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की आगुवाई में ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया। 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया गया इसके बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू किया गया।
ये थे संविधान सभा के सदस्य
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद समेत सभा के प्रमुख सदस्य शामिल थे।
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