कुंडली में है मंगल दोष, हो सकती है रक्त संबंधित बीमारियां, करें उपाय
ज्योतिष विद्या में जो लोग अपनी पकड़ रखते हैं वे बड़ी आसानी से किसी व्यक्ति की कुंडली देखकर ये बता सकते हैं कि संबंधित व्यक्ति का मंगल कितना भारी है, कितना लाभदायक या नुकसानदायक हो सकता है। मंगल दोष किसी भी जातक के जीवन को बहुत प्रभावित करता है। इसलिये व्यक्ति को मांगलिक कहा जाता है। मंगल ग्रहों के सेनापति कहे जाते हैं और किसी भी जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है।
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ है तो उसे विवाह में देरी, धन के संबंध में या फिर घर-जमीन-जायदाद को लेकर तनाव झेलने जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भूमि से संबंधित काम करने वाले लोगों को मंगल सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। आइए जानते हैं मंगल से जुड़े कुछ खास तथ्य और उपाय-
मंगल ग्रह से जुड़ी कुछ खास बातें-
- मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल माने जाते हैं।
- जिन जातकों की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें और बारहवें भाव में मंगल स्थित होता हैं, ऐसे लोग मंगली होते हैं।
- कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर कर्ज का बोझ बढ़ता हैं।
- जमीन से संबंधित मामलों में परेशानियों आती हैं।
- मंगल के अशुभ होने से जातक के विवाह में भी देरी होती हैं।
- मंगल के शुभ नहीं होने पर मनुष्य को रक्त संबंधित बीमारियां हो सकती है।
कुंडली में मंगल के उपाय-
- कुंडली से मंगल दोष को कम करने के लिए लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, लाल गुलाल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से पूजा करनी चाहिए। वही कुंडली में मंगल को बली बनाने के लिए ऊँ भौमाय नम: और ऊँ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
- मंगल दोष के निवारण के लिए हनुमत आराधना का विशेष और शुभ फल प्राप्त होता है। मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को मंगलवार का व्रत अवश्य करना चाहिए और पूरे दिन पवनपुत्र हनुमान का ध्यान करना चाहिए।
- मंगलदोष से पीडित व्यक्ति के लिए अपने घर की बालकनी या परिसर के भीतर लाल रंग के फूल वाले पौधे लगवाना और उनकी सेवा करना बहुत अच्छा होगा
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