इंटरव्यू में पूछे जाते हैं बैंकिंग अवेयरनेस से जुड़े ये सवाल, जानें इनके उत्तर

Interview Questions: आम तौर पर बैंकिंग अवेयरनेस से जुड़े कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो लगभग सभी कॉम्पीटिशन एग्जाम्स तथा इंटरव्यू में पूछे जाते हैं। दिखने में ये सवाल कई बार मुश्किल लग सकते हैं परन्तु याद करने में ये अत्यन्त आसान हैं-
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प्रश्न (1) - भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्य कार्य क्या होता है?
उत्तर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) देश का केन्द्रीय बैंक है। इसकी स्थापना 1935 में बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1934 के तहत 5 करोड़ की धनराशि के साथ की गई थी। यह भारत का सर्वोच्च मौद्रिक प्राधिकरण है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटों की छपाई और पैसों की आपूर्ति का प्रबंधन करने के अलावा विदेशी मुद्रा का संरक्षक, वाणिज्यिक बैंकों का बैंक, के्रडिट नियंत्रक के तौर पर कार्य करता है। साथ ही कृषि के लिए ऋण का अनुमोदन, सरकारी प्रतिभूति व व्यापारिक बिलों की खरीद-बिक्री, सरकारी खरीद के लिए ऋण देना और मूल्यवान वस्तुओं की बिक्री और भारत की सदस्यता का प्रतिनिधित्व भी करता है।
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प्रश्न (2) - मौद्रिक नीति समिति क्या है?
उत्तर : केन्द्रीय सरकार द्वारा संशोधित आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 4 के अनुसार वर्ष 2016 में छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति का गठन हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य देश की मौद्रिक नीति के लिए उचित ब्याज दरों और पॉलिसी रेट में परिवर्तन करना है। खास बात है कि समिति हर तिमाही में अपनी बैठक आयोजित करती है जिसकी अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा की जाती है। इसमें मौद्रिक नीति का अर्थ उस नीति को बताया गया है जिसके जरिए देश की मौद्रिक नीति को इस प्रकार नियंत्रित किया जाता है जिससे देश की मुद्रा स्फीति को बढ़ाए बिना देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
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प्रश्न (3) - पेमेंट और कॉमर्शियल बैंक में क्या अंतर होता है?
उत्तर : भारत में पेमेंट और कॉमर्शियल दोनों ही बैंक बैंकिंग अधिनियम के अधीन कार्य करते हैं। कॉमर्शियल बैंक का दायरा पेमेंट से कहीं ज्यादा है। दोनों के मध्य अहम अंतर है कि कॉमर्शियल बैंक लोगों से कितनी भी राशि को जमा के रूप में स्वीकार कर सकते हैं वहीं पेमेंट बंैक एक ग्राहक से अधिकतम एक लाख रुपए तक की राशि का जमा स्वीकार कर सकते हैं। पेमेंट बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को बैंकिंग क्षेत्र से जोडऩा है जो ग्रामीण इलाकों में निवास करने के साथ ही असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। आमदनी कम होने के साथ ही जो लोग अक्सर काम के सिलसिले में शहरों की ओर पलायन करते हैं, को वित्तीय सुविधा देना है। वहीं कॉमर्शियल बैंक बड़े स्तर के लेन-देन के लिए कार्य करता है।
प्रश्न (4) - भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के खाते खाले जाते हैं?
उत्तर : देश में विभिन्न वर्गों के लोगों की जरूरतों और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए देश के ज्यादातर बैंकों में विभिन्न प्रकार के खातों का विकास हुआ। बचत खाते (सेविंग अकाउंट) के अलावा चालू जमा खाता (करेंट डिपोजिट अकाउंट), सावधि जमा खाता या मियादी जमा खाता (फिक्स्ड डिपोजिट अकाउंट या टर्म डिपोजिट अकाउंट), आवर्ती जमा खाता (रिकरिंग डिपोजिट अकाउंट) और बुनियादी बचत खाता (बेसिक सेविंग अकाउंट) प्रमुख हैं।
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प्रश्न (5) - भारतीय बैंकों में कितने प्रकार के चेक उपयोगी हैं?
उत्तर : बैंकों के लिए चेक एक ऐसा बिना शर्त लिखित आदेश होता है जिसमें बैंकर को संबोधित करते हैं कि अमूख व्यक्ति को इतने रुपए का भुगतान खाता धारक के खाते से कर दिया जाए। कई प्रकार के चेक होते हैं जैसे धारक चेक (बिअरर चेक), ऑर्डर चेक, काटा गया चेक (क्रॉस्ड चेक या अकाउंट पेई चेक), पूर्व दिनांकित चेक (एंटे डेटेड चेक), बाद की तारीख का चेक (पोस्ट डेटेड चेक), स्टेल चेक, सेल्फ चेक अथवा रद्द चेक (कैन्सिल्ड चेक) आदि।
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