इंडोनेशिया: लाल फीताशाही को खत्म करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लाने की तैयारी
जर्काता।इंडोनेशिया में लाल फीताशाही को खत्म करने के लिए बड़ी पहल की गई है। यहां पर अगले साल सरकारी अधिकारियों की दो रैंकों को हटाकर उनकी भूमिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लाने की तैयारी चल रही है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस बाबत सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिया है।
लाल फीताशाही का सीधा असर इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ने के साथ विदेशी निवेश को नुकसान हो रहा है। ऐसे में बड़ी कंपनियां ने यहां पर निवेश करने में जिझक रहीं हैं। राष्ट्रपति अपने दूसरे कार्यकाल के एजेंडे को शीर्ष कंपनियों के सामने रख रहे थे। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता को कम करके उसके स्वरूप को बदलना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इंडोनेशिया को बिजली से चलने वाली गाड़ियों जैसे और उच्च कोटि के उत्पादन की तरफ बढ़ना चाहिए। इस तरह के बदलाव के लिए विदेशी निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अफसरशाही इसमें बाधा डाल रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों में जो मौजूदा सबसे ऊपर की चार श्रेणियां हैं। उन्हें घटाकर दो कर दिया जाएगा।
विडोडो के अनुसार उन्होंने अपने मंत्री से कहा है कि दो श्रेणियों को हटाकर उनकी जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लाएं। इसकी वजह से हमारी नौकरशाही और तेज काम करेगी।’ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन सी विशेष भूमिकाओं को हटाया जाएगा। बता दें कि इस योजना को लागू करने के लिए राष्ट्रपति को संसद से मंजूरी लेनी होगी।
भारत में भी होने लगी है चर्चा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अब भारत में भी चर्चा शुरू हो चुकी है। बीते दिनों एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने अदालतों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उच्च तकनीक के इस्तेमाल की जरूरत बताई थी। उन्होंने कहा था कि देश की न्याय प्रणाली में कुछ मामूली बदलाव की जरूरत है।
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