केजरीवाल ने स्कूली बच्चों को 50 लाख मास्क बांटे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में स्कूली बच्चों को प्रदूषण-रोधी मास्क वितरित किए। पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली-एनसीआर में जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। ईपीसीए ने दिल्लीवासियों, खासतौर से बच्चों और बुजुर्गों को सलाह दी है कि वे खतरनाक वायु से जितना संभव हो सके, दूर रहें। केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने दावा किया है कि उसने शुक्रवार को स्कूली बच्चों के बीच 50 लाख प्रदूषण-रोधी मास्क बांटे हैं।

केजरीवाल ने विद्यार्थियों को मास्क वितरित करने के बाद ट्वीट किया, दिल्ली पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने के कारण निकले धुएं के चलते एक गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। यह बहुत जरूरी है कि हम जहरीली हवा से खुद को बचाएं। निजी और सरकारी स्कूलों में हमने आज 50 लाख मास्क वितरण का काम शुरू किया है। उन्होंने कहा, मैं सभी दिल्लीवासियों से आग्रह करता हूं कि जहां भी जरूरत पड़े, उसका उपयोग करें।

ईपीसीए ने इससे पहले दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से कहा था कि वे बाहर कम निकलें और प्रदूषण के चुनौतीपूर्ण स्तर को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपाय अपनाएं। ईपीसीए ने कहा, स्कूलों को सलाह दी जाती है कि वे इस दौरान खेल और अन्य बाहरी गतिविधियों में बच्चों को शामिल न करें। दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को पांच नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है। एनसीआर के अन्य शहर भी ऐसा कर सकते हैं।

ईपीसीए ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता गुरुवार से बिगड़ गई है और इस समय यह गंभीर श्रेणी में है। ईपीसीए ने कहा, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे प्रदूषण स्तर घटने तक यथा संभव बाहर कम निकलें, शारीरिक कसरत से बचें और खासतौर से बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर लोग खुले में कम निकलें। ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने चार राज्यों के मुख्यसचिवों को लिखे एक पत्र में कहा है, ''हमें इसे एक जनस्वास्थ्य आपातकाल के रूप में लेना है, क्योंकि वायु प्रदूषण इस समय खतरनाक हो गया है और इसका सभी के स्वास्थ्य पर, खास तौर से हमारे बच्चों पर विपरीत असर पड़ेगा।

ईपीसीए ने दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सभी निर्माण गतिविधियों पर पांच नवंबर तक पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। निर्माण पर मौजूदा प्रतिबंध सिर्फ शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक ही था।

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