अंतरिक्ष में भारत आज रचेगा एक और नया इतिहास, कार्टोसेट-3 की होगी लॉन्चिग
हैदराबाद। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) बुधवार को स्पेस में एक और नया इतिहास लिखने जा रहा है। दरअसल, भारतीय मिसाइल कार्टोसेट-3 को आजा रवाना किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से इसकी लॉन्चिग होगी। खास बात ये है कि इस पीएसएलवी रॉकेट के जरिए अमरीका के 13 सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है। ये जानकारी इसरो ने मंगलवार को दी।
इससे पहले कार्टोसेट के आठ सैटेलाइट भेज चुका है भारत
आपको बता दें कि कार्टोसेट-3 अंतरिक्ष में भारत की आंख के रूप में काम करेगा। ये कार्टोसेट सैटेलाइट की सीरीज का एकदम लेटेस्ट वर्जन है। इसे प्रक्षेपित करने के लिए प्रोपेलेंट में ईंधन भरने का कार्य पूरा हो चुका है। इसी के साथ दूसरा चरण भी पूरा हुआ। इसके पहले कार्टोसेट सीरीज में आठ उपग्रह भेजे जा चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, इसरो के वैज्ञानिक बुधवार सुबह 9:28 बजे इसको लॉन्च करेंगे।
कार्टोसेट-3 की वैधता होगी 5 साल
इसरो की तरफ से ये जानकारी दी गई है कि हाल ही में बनाई गई व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने पहले ही 13 अमरीकी नैनोसैटलाइट प्रक्षेपित करने के लिए समझौता किया था। करीब 1625 किलोग्राम वजनी कार्टोसेट-3 को 509 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। कार्टोसेट-3 की आयु पांच वर्ष होगी।
26 घंटे पहले काउंटडाउन शुरू
उपग्रह के लिए इसरो ने मंगलवार सुबह 7:28 बजे उल्टी गिनती (काउंटडाउन) शुरू कर दिया। इसके ठीक 26 घंटे बाद उपग्रह आसमान का सफर शुरू कर देगा। कार्टोसेट अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट ऐसी सैटेलाइट है जिससे पृथ्वी की साफ तस्वीर ली जा सकती है। इसकी तस्वीर इतनी साफ होगी कि किसी व्यक्ति के हाथ में बंधी घड़ी के समय को भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। मुख्य रूप से इसका काम अंतरिक्ष से भारत की जमीन पर नजर रखना है।
पहले भी भेज चुके सर्विलांस सैटेलाइट
इसरो अप्रैल और मई में 2 सर्विलांस सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है। 22 मई को सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2 बी और एक अप्रैल को ईएमआईसैट लॉन्च किया गया था। दोनों का मुख्य काम दुश्मनों की रडार पर नजर रखना है। सैटेलाइट के साथ इसरो भारत की रणनीतिक तैयारियों में अभूतपूर्व योगदान देगा।
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