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पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी का बुरा हाल, करीब छह दशकों में सिर्फ पांच उपग्रह ही भेजे

लाहौर। इमरान सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री फवाद खान ने हाल ही में घोषणा की है कि पाकिस्तान 2022 तक चांद पर इंसान भेजेगा। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी। उन्होंने लिखा कि इसके लिए चयन प्रक्रिया शुरू होगी। पहले 50 लोगों को शार्टलिस्ट किया जाएगा। इसी में से उपयुक्त अंतरिक्ष यात्री चुने जाएंगे। इसे लेकर ट्वीटर पर उनका मजाक उड़ने लगा। लोगों ने पाकिस्तान की खस्ताहाल स्थिति पर तंज कसा। फवाद को लोग ट्रोल करने लगे। हाल में भारत के चंद्रयान-2 की असफलता को लेकर पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधी ने काफी तंज कसे थे। इसके बाद से लोग पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी पर सवाल उठाने लगे।पाकिस्तान के स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च आर्गेनाइजेशन की स्थापना भारत से आठ साल पहले ही हो गई थी। मगर अब तक उसने सिर्फ पांच सेटेलाइट ही अंतरिक्ष में भेंजी हैं।

 

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अंतरिक्ष क्षेत्र में पाक ने 1961 में स्पेस एंड अपर एटमॉसफेयर रिसर्च आर्गेनाइजेशन बनाया था। वहीं भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 15 अगस्त 1969 में स्थापित हुआ था। 1961 से आज तक पाकिस्तान सिर्फ पांच बार ही अपनी सेटेलाइट भेज सका है। वहीं इसरो ने अब तक 370 उपग्रह छोड़े हैं। इनमें 101 देसी और बाकी विदेश शामिल हैं।

पाकिस्तान ने पहला उपग्रह 1990 में छोड़ा था। इसका नाम था बद्र-1। यह एक कत्रिम उपग्रह था। इसने छह माह बाद अंतरिक्ष में काम करना बंद कर दिया था। साल 2001 में पाक ने बद्र-2 नाम का उपग्रह भेजा था। चीन की मदद से पाकात-1 और पाकसाक-1 उपग्रह 11 अगस्त 2011 में छोड़ा गया। यह एक संचार उपग्रह है। यह अभी भी काम कर रहा है। आईक्यूब-1 उपग्रह 21 नवंबर 2013 को लांच किया गया था। इसने दो साल काम किया। यह बायलोजी, नैनो टेक्नॉलाजी, स्पेस डायनेमिक्स आदि जैसे प्रयोगों के लिए बनाया गया था। यह दो साल तक चला। पाकिस्तान का रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट 9 जुलाई 2018 को लॉच कर दिया गया।



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