Hartalika teej 2019: माता पार्वती के श्रृंगार में इसे जरुर करें शामिल, भूलकर भी ना करें गलती

हरतालिका तीज व्रत 2 सितंबर, सोमवार के दिन सुहाग का पर्व है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र व कुंवारी युवतियां मनवांछित पति पाने के लिए यह व्रत रखेंगी। कथाओं के अनुसार यह व्रत देवी पार्वती नें भगवान शिव को पाने के लिए किया था। इस व्रत को सच्चे मन से करने पर अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है। शुभ योगों में इस बार हरतालिका तीज की पूजा होगी। आइए जानते हैं हरतालिका तीज ( hartalika teej 2019 ) पूजा विधि, सामग्री और तीज व्रत से जुड़ी कुछ विशेष बातें....

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hartalika teej 2019

हरतालिका तीज पूजा व्रत सामग्री ( hartalika teej puja samagri )

1. पूजा के लिए जरूरी सामग्री:
बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, अंकव पेड़ के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, जनैव, धागा और नए वस्त्र।

2. माता पार्वती के श्रृंगार के लिए जरूरी सामग्री:
चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग पूड़ा, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीज़ें।
इसके अलावा श्रीफल, कलश,अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि।

हरितालिका तीज की पूजा विधि ( Hartalika teej puja vidhi ) :

पंडितों रमाकांत मिश्रा ने बताया कि इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरतालिका तीज प्रदोष काल में किया जाता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। यह दिन और रात के मिलन का समय होता है। हरतालिका पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाएं। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें।

इसके बाद देवताओं का आह्वान करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें। सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद ब्राह्मणी और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।

 

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हरतालिका तीज के दिन भूलकर भी ना करें ये काम

- इस व्रत में सोने की मनाही है. यहां तक कि रात को भी सोना वर्जित है। रात के वक्‍त भजन-कीर्तन किया जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन व्रत करने वाली महिला अगर रात को सो जाए तो वह अगले जन्‍म में अजगर बनती है।
- व्रत करने वाली महिला को किसी पर भी गुस्‍सा नहीं करना चाहिए। यही वजह है कि इस दिन महिलाएं मेहंदी लगाती हैं।
- व्रत करने वाली महिला को पति के साथ क्‍लेश नहीं करना चाहिए। मान्‍यता है कि ऐसा करने से व्रत अधूरा रह जाता है।
- अगर आप इस व्रत को रख रही हैं तो किसी बुजुर्ग का अपमान न करें। मान्‍यता है कि ऐसा करने से व्रत का प्रताप नहीं मिलता है।
- मान्‍यता है कि अगर व्रत करने वाली महिला इस दिन गलती से भी कुछ खा-पी लें, तो वह अगले जन्‍म में बंदर बनती है।
- मान्‍यता है कि अगर व्रत करने वाली महिला इस दिन दूध पी ले तो वह अगले जन्‍म में सर्प योनि में पैदा होती है।
- व्रत अगले दिन सूर्योदय के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाने के बाद ही तोड़ा जाता है।
- अगर महिला ज्‍यादा बीमार है तो उसके बदले घर की अन्‍य महिला या फिर पति भी इस व्रत को रख सकता है।



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