NLU AILET: सौम्य सिंह बने आइलेट के ऑल इंडिया टॉपर, टॉप 10 में जयपुर के तीन स्टूडेंट

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) दिल्ली ने ऑल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट (AILET-19) का रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया है। इसमें जयपुर के सौम्य सिंह ने देशभर में टॉप किया है। एग्जाम का आयोजन 5 मई को किया गया था, एनएलयू दिल्ली की 80 सीटों के लिए जयपुर के दो हजार स्टूडेंट्स सहित देशभर से करीब 19 हजार कैंडिडेट्स अपीयर हुए थे। एक्सपर्ट नवनीत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी फस्र्ट रैंक जयपुर से ही रही है। इस बार पेपर पिछले साल के मुकाबले टफ था, लेकिन देशभर में सबसे अच्छा रिजल्ट जयपुर से रहा। एक्सपर्ट अभिषेक चतुर्वेदी ने बताया कि पिछले साल टॉप-10 में जयपुर से पहली, तीसरी और 8वीं रैंक थी, वहीं इस बार टॉप-10 में पहली, 9वीं और 10वीं रैंक आई है।
सौम्य सिंह (रैंक 1)
पेरेंट्स: आरडी गुर्जर, सीमा जालान
ड्रीम : ज्यूडिशियरी
ऑल इंडिया फस्र्ट रैंक स्कोर करने वाले सौम्य ने बताया कि मैंने अपनी प्रिपरेशन 11वीं क्लास से ही शुरू कर दी थी। जिससे मुझे 12वीं बोर्ड के साथ लॉ एंट्रेंस की तैयारी करने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। मेरी स्टूडेंट्स को एडवाइज है कि आप भी 11वीं क्लास से ही अपनी प्रिपरेशन शुरू कर दें, ताकि ईयर ड्रॉप करने जैसी नौबत ना आए। सौम्य ने बताया कि सोशल मीडिया का एक लिमिट तक यूज ठीक है और आपकी लिमिटेशन भी आपको खुद को ही तय करनी होगी। मैं खुद को रिफ्रेश करने के लिए गिटार बजाने के साथ बैडमिंटन खेलता था। एनएलयू बैंगलूरु में एडमिशन लेना ड्रीम है।
आगम जैन (रैंक 9)
पेरेंट्स: अक्षय कुमार, रिंकी जैन
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
9वीं रैंक स्कोर करने वाले आगम ने बताया कि एग्जाम क्रैक करने के लिए स्ट्रटेजी होना जरूरी है। पूरे साल तैयार कन्टीन्यू रखी। एग्जाम में ईजी क्वेश्चन पहले किए और हार्ड बाद में सॉल्व किए।
कौस्तुभ गर्ग (रैंक 10)
पेरेंट्स: उमेश कुमार गर्ग, सपना गर्ग
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
कौस्तुभ ने बताया कि इंग्लिश मेरा वीक पार्ट था, जिस पर मैंने शुरू से फोकस किया। पूरे साल ६ से ७ घंटे पढ़ाई की। अक्सर क्रिकेट और बैडमिंटन खेला करता था। सोशल मीडिया पर भी थोड़ा एक्टिव रहा।
कशिश अग्रवाल (रैंक 15)
पेरेंट्स: सुनील अग्रवाल, अंजू अग्रवाल
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
मैंने शुरू से ही लॉ एंट्रेंस पर फोकस किया और जनवरी से अपने बोर्ड एग्जाम को प्रायोरिटी दी। एग्जाम में मांइड स्टेबल होना जरूरी है, नहीं तो पूरी साल की मेहनत खराब हो सकती है।
श्रेया पाराशर (रैंक 17)
पेरेंट्स: जगदीश पाराशर, डॉ. अर्चना
ड्रीम : ज्यूडिशियरी
अपने वीक पार्ट को पता करके उन पर शुरू से ही मेहनत की। वहीं मैथ्स पर कमांड बनाए रखी, जो स्कोरिंग में मददगार रही। रिविजन से अपने स्ट्रॉन्ग पार्ट को और मजबूत करना चाहिए।
नेहा झुनझुनवाला (रैंक 23)
पेरेंट्स: नीरज कुमार, उषा देवी
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
नेहा ने बताया कि मैं डेली अपने लिए छोटे-छोटे गोल बनाती थी और रोज उन्हें अचीव करके ही दम लेती थी। मैंने सोशल मीडिया पर कभी कोई अकाउंट नहीं बनाया। सक्सेस के लिए हार्डवर्क जरूरी है।
उद्देश्य कुमार सिंह (रैंक 27)
पेरेंट्स: स्वदेश सिंह, रंजना सिंह
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
सबसे पहले तो पेपर पैटर्न को समझना जरूरी है। इसके बाद ही अपनी स्ट्रैटजी तैयार करे। मैथ्स और रीजनिंग मेरा स्ट्रॉन्ग पार्ट था, जिसे अच्छे से तैयार किया एवं जीके और लीगल पर मेहनत की।
शिवांग सिंघल (रैंक 32)
पेरेंट्स: राजकुमार सिंघल, रेणु सिंघल
ड्रीम : कॉर्पोरेट लॉयर
शिवांग ने बताया कि सक्सेस के लिए हार्डवर्क और कंसिस्टेंसी जरूरी होती है। मेरा मानना है कि मॉक टेस्ट देने के साथ उसका एनालिसिस करना ज्यादा जरूरी होता है। रिफ्रेशमेंट के लिए वॉक करता था।
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