3 जून को बन रहे हैं 4 विशेष संयोग, इस दिन व्रत करने से हर कार्य में मिलेगी सफलता

वट सावित्री व्रत का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। हर साल ज्‍येष्‍ठ मास की अमावस्‍या को बड़ और वट अमावस्‍या आती है। इस साल बड़ अमावस्‍या 3 जून को पड़ रही है। इस दिन वट अमावस्या पड़ने से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है। पंडित रमाकांत मिश्रा बताते हैं कि इस दिन 4 विशेष संयोग पड़ रहे हैं। इस चार संयोगों में सोमवती अमावस्या, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और त्रिग्रही संयोग बन रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस दिन किस विधि से पूजा पाठ करें और क्या उपाय करें...

vat savitri vrat

वट सावित्री पूजा विधि

इस दिन महिलाएं सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत होने के बाद नए वस्त्र पहनकर, सोलह श्रृंगार करें। इसके बाद पूजा की सारी सामग्री को एक थाली में सजा लें और वट यानी बरगद वृक्ष के नीचे सभी सामग्री रख दें और आसन बिछाकर बैठ जाएं। इसके बाद सबसे पहले सत्यवान और सावित्री की मूर्ति को वहां स्थापित करें और अन्य सामग्री जैसे धूप, दीप, रोली, भिगोए चने, सिंदूर आदि से पूजन करें और लाल कपड़ा व फल अर्पित करें। फिर बांस के पंखे से सावित्री-सत्यवान को हवा करें और बरगद के एक पत्ते को अपने बालों में लगाएं। इसके बाद धागे को पेड़ में लपेटते हुए जितना संभव हो सके 5,11, 21, 51 या 108 बार बरगद के पेड़ की परिक्रमा करें। अंत में सावित्री-सत्यवान की कथा सूनें। इसके बाद घर आकर उसी पंखें से अपने पति को हवा करें और उनका आशीर्वाद लें।

चार विशेष संयोग और उनका महत्व

सोमवती अमावस्या
वटसावित्री व्रत के दिन सोमवती अमावस्या होने से इन वृक्षों की पूजा से पितृगण भी प्रसन्न होते हैं। इससे पितृ दोष के कारण जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है। पीपल के वृक्ष के नीचे 5 तरह की मिठाइयों को पीपल के पत्तों पर रखकर पितरों का ध्यान करें। इन्हें घर लाने की बजाय वहीं आस-पास मौजूद लोगों में बांट देना सुख-समृद्धि दायक हो सकता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग
इस दिन वट सावित्री के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पड़ रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदय से लेकर रात्रि अंत तक रहेगा। इस योग में पूजापाठ करने और दान पुण्‍य करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी और इसके साथ ही आपके हर कार्य सिद्ध होंगे।

अमृत सिद्धि योग
इस दिन वट सावित्री व्रत होने के कारण महिलाओं को अखंड सौभाग्‍य के साथ सुख-समृद्धि और ऐश्‍वर्य की भी प्राप्ति होगी। क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। जो की ज्योतिष के अनुसार बहुत ही विशेष फलदायी है।

त्रिग्रही योग
मिथुन राशि में मंगल, राहु और बुध का त्रिग्रही संयोग भी बन रहा है। इस संयोग में पीपल और बरगद के वृक्ष की पूजा से शनि, मंगल, राहु के अशुभ प्रभाव दूर होंगे।



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